विजय वडेट्टीवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Vijay Wadettiwar: कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि मराठा आरक्षण के संदर्भ में सरकार ने जो नया निर्णय लिया है उससे ओबीसी को नुकसान होगा। 27 फीसदी आरक्षण में से 13 प्रतिशत तो पहले ही कम हो गया था। शेष जो 14 प्रतिशत है उसमें से भी मराठा को आरक्षण दिया गया तो बचेगा ही कितना। उन्होंने कहा कि अब ओबीसी का अधिकार खत्म होने की संभावना बढ़ गई है।
उन्होंने अपील की कि कोई किसी भी पार्टी से जुड़ा हो लेकिन अपने अधिकार के लिए लड़ाई में साथ देने के लिए एकजुट हो जाएं। रविभवन में विदर्भ के ओबीसी नेताओं की बैठक के बाद वे पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने के लिए जो पहला निर्णय लिया था उसमें ‘पात्र’ शब्द का उपयोग था लेकिन दूसरे जीआर में ‘पात्र’ शब्द को हटा दिया गया। इसका अर्थ मराठा समाज को ओबीसी कोटे से सरसकट आरक्षण देना होता है जो ओबीसी के साथ अन्याय है।
वडेट्टीवार ने बताया कि अन्याय के खिलाफ संघर्ष के लिए 25 प्रमुख लोगों की एक समिति गठित की जाएगी। अक्टूबर महीने में नागपुर से ओबीसी का महामोर्चा निकाला जाएगा। बैठक में विधायक अभिजीत वंजारी, खुशाल बोपचे, शेखर सावरबांधे, नागेश चौधरी, ईश्वर बालबुधे, ज्ञानेश वाकुडकर, किशोर लांबट, उमेख कोर्राम सहित नागपुर, भंडारा, गोंदिया, गड़चिरोली, चंद्रपुर, वर्धा, यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलढाना, वाशिम जिले के ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस बैठक में ओबीसी नेताओं ने मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने का पुरजोर विरोध किया।
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नागपुर में ही 12 सितंबर को प्रमुख ओबीसी नेताओं की बैठक होगी जिसमें मराठा आरक्षण के संदर्भ में सरकार के निर्णय के खिलाफ संघर्ष की व्यूह रचना बनाई जाएगी। दो स्तरों पर यह संघर्ष करने का फैसला बैठक में लिया गया। पहली लड़ाई न्यायालयीन स्तर पर लड़ी जाएगी। विदर्भ का वकील संगठन पूरी ताकत से न्यायालय में अपना पक्ष रखेगा जिसे सभी ओबीसी संगठनों का समर्थन होगा। दूसरी लड़ाई आंदोलन के माध्यम से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी पर अन्याय न हो, यह हमारी भूमिका है। साथ ही हमारे हक की रक्षा होना भी जरूरी है।