कूड़ाघर बना कला केंद्र (सौजन्य-नवभारत)
Best Out of Waste: वर्षों से कचरा फेंकने की आदत का हिस्सा रहे गिट्टीखदान पेट्रोल पंप के पास का वह स्थान अब कलात्मकता से पूरी तरह खिल उठा है। पहले यह जगह ‘कूड़ाघर’ जैसी लगती थी जहां नागरिक रोजाना कचरा फेंकते थे। अब मनपा ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान को एक नई कलात्मक दिशा देते हुए ‘वेस्ट टू आर्ट’ (कचरे से कलाकृति) संकल्पना के आधार पर कार्य करते हुए इस जगह का पूरा रूप बदल दिया है।
मनपा की इस पहल को नागरिकों का प्रतिसाद मिला है। यह सौंदर्यीकरण मनपा के मंगलवारी जोन के अंतर्गत आने वाले प्रभाग 10 में गिट्टीखदान पेट्रोल पंप के पास किया गया है।
‘कचरे से कलाकृति’ संकल्पना का मुख्य उद्देश्य केवल स्थान की सुंदरता बढ़ाना नहीं है बल्कि नागरिकों में रिसाइकल और पुनः उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह पहल कचरे को देखने का दृष्टिकोण बदलने के साथ ही उसके उचित उपयोग के लिए प्रेरणा देने वाली साबित हो रही है।
मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी के निर्देशानुसार मुख्य स्वच्छता अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले के नेतृत्व में आईईसी और स्वच्छता टीम द्वारा ये कलाकृतियां साकार की जा रही हैं। मनपा की टीम द्वारा सीटीयू पॉइंट के लिए एक आकर्षक और अनोखी कंपाउंड वॉल तैयार की गई है।
इस कलाकृति के लिए लगभग 100 बांसों और 698 के आसपास नारियल के खोल का उपयोग किया गया है। विशेष बात यह है कि उपयोग किया गया बांस शहर के विभिन्न घाटों से इकट्ठा किया गया था। टीम ने पर्यावरण संवर्धन का एक अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए इस स्थान पर मौजूद 2 सूखे पेड़ों को काटने की बजाय उन्हें भी इस कला का हिस्सा बना लिया है।
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इन सूखे वृक्षों को पुराने कपड़ों और रंगीन वस्त्रों का उपयोग करके एक जीवंत और कलात्मक रूप दिया गया है। इस उपक्रम ने पर्यावरण संरक्षण और कला का एक अप्रतिम संगम साधा है। इस कलाकृति को साकार करने में अविनाश दामडे, पीयूष खांडेकर, सन्नी नक्के, अर्पित मून, जतिन बिरहा, ऋषभ समुद्रे, आदित्य खापेकर, निशांत वाघमारे, तुषार समुद्रे, हिम्मांशु दमनकर और अंकित खोटे ने सहयोग किया है।