यात्रियों ने रोकी बस (फोटाे नवभारत)
Chandrapur Bus Service Problems: चंद्रपुर जिले की वरोरा तहसील के अंतिम छोर और चारगांव खुर्द के पश्चिम में स्थित वडधा, उमरी, साखरा, येरखड़ा जैसे ग्रामीण इलाकों के छात्रों, महिलाओं, पुरुषों और यात्रियों को गांव लौटने के लिए राज्य परिवहन निगम (एसटी महामंडल) ने एक ही बस उपलब्ध कराई गई है।
येरखड़ा जाने वाली बस में छात्रों और यात्रियों को जाने की अनुमति नहीं होने से यात्रियों को बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस परेशानी से आहत यात्रियों ने शेगांव बसस्टाप पर बस को आधे घंटे तक रोककर रखा।
शेगांव, वराेरा तहसील का एक बड़ा गांव है। क्षेत्र के 50 से 60 गांवों के छात्र यहां शिक्षा के लिए आते हैं, साथ ही खेतिहर मजदूर, किसान, महिलाएं और बुजुर्ग नागरिक भी यहां रोज़ाना काम के लिए आते हैं। बावजूद इसके वलधा, उमरी, साखरा और येरखला गांवों में जाने के लिए एक ही बस है, जिससे निगम अधिकारियों के साथ विवाद होता रहता है। कई बार यह विवाद पुलिस स्टेशन तक पहुंच जाता है और पुलिस को मध्यस्थता कर विवाद सुलझाना पड़ता है।
गुरुवार को येरखेड़ा बस के दोपहर 3 बजे तय समय से देरी से पहुंचने और बस में छात्रों की अधिक संख्या के कारण समस्या उत्पन्न हुई। शेगांव बस स्टॉप से नागरिकों की अधिक संख्या के कारण बस में सभी यात्री नहीं बैठ पाए। इनमें से अधिकांश यात्रियों को जानवरों की तरह बस में ठूंसने का आरोप लगाते हुए सड़क पर खड़े यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा।
हमें बस में चढ़ाओ या फिर बस रोककर हमारे लिए वैकल्पिक व्यवस्था करो यह मांग यात्रियों ने की। नतीजतन, वरोरा, शेगाव और येरखेड़ा जाने वाली बस आधे घंटे तक शेगांव बस स्टेशन पर रुकी रही।
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यात्रियों से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि पहले इन रूट पर शेगांव-हिंगणघाट बस नियमित रूप से चलती थी, लेकिन पिछले तीन-चार महीनों से हिंगणघाट-शेगांव बस बंद होने से इस रूट पर एकमात्र बस येरखेड़ा है।
शाम 6 बजे आने वाली वडगांव बस केवल छात्रों को ले जाती है, इसलिए अन्य यात्रियों के पास रुकी हुई बस में सवार होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रुकने वाली बस रात 9-10 बजे आने के कारण यात्रियों को दिन भर शेगांव में इंतजार करना पड़ता है।
यात्रियों ने मांग की है कि वडगांव-येरखेड़ा रूट पर वरोरा से शेगांव तक और बसें चलाई जाएं और बंद की गई हिंगणघाट बस को नियमित रूप से शुरू किया जाए। इस बीच, यात्रियों ने बस को रोक दिया और अंदर बैठे छात्र और अन्य यात्री जल्दी में थे, इसलिए शेगांव पुलिस को अंततः हस्तक्षेप करना पड़ा और बस को आगे की यात्रा के लिए भेजना पड़ा।