हिंसा के बाद पहली बार नागपुर दौरे पर जाएंगे फडणवीस। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा के बाद पहली बार शुक्रवार शाम को अपने गृह नगर पहुंचेंगे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि फडणवीस रात को नागपुर में रुकेंगे और शनिवार को यहां लौटने तक उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है। इसका मतलब सीएम को नागपुर में नागपुर मामले पर विचार-विमर्श का अच्छा समय मिलेगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में मंगलवार को कहा था कि नागपुर में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के लिए किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा था कि यह एक सुनियोजित घटना है। औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान किए गए पथराव में पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे।
फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म छावा वास्तविक इतिहास को दर्शाती है। उन्होंने कहा था कि औरंगजेब के खिलाफ लोगों की गुस्से से भरी भावनाएं उमड़ रही हैं जो कि प्रतित हो रही हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने चेतावनी देते हुए दोहराया कि इस हिंसा के पीछे एक मास्टरमाइंड मालेगांव का है, जो नागपुर आकर यह सब क्यों कर रहा था? इसकी जांच होगी। जिन लोगों ने माहौल बिगाड़ा, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। हमने वीएचपी और बजरंग दल के लोगों पर भी मामले दर्ज किए हैं। अगर पुलिस पर हमला बर्दाश्त किया गया, तो राज्य में कानून-व्यवस्था जैसी कोई चीज नही ऐसा संकेत जाएगा। इसलिए हम दोषियों को सबक सिखाएंगे।
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फडणवीस ने नागपुर पुलिस के बचाव में कहा कि नागपुर में हुई हिंसा को इंटेलिजेंस की विफलता नहीं कहा जा सकता, लेकिन दोपहर के बाद जिस तरह सोशल मीडिया पर निगरानी रखनी चाहिए थी, वो नहीं रखी गई। सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ पोस्ट फैलाई गईं। हमारे पास सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की क्षमता है, लेकिन इसे इस्तेमाल करने की आदत डालनी होगी। उन्होंने अवगत कराया कि अब हिंसा सड़कों पर कम और सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा होती है।
बता दें कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र स्थित है। इसे हटाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान धार्मिक पंक्तियां लिखी हुई चादर जलाए जाने की अफवाह के कारण सोमवार को नागपुर में हिंसा हुई। इस मामले में अब तक 12 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिसमें 4 साइबर पुलिस ने और 8 लोकल नागपुर पुलिस ने दर्ज की हैं। अब तक कुल 100 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है और लगातार कार्रवाई जारी है।