उद्धव ठाकरे (pic credit; social media)
Dussehra Rally in Shivaji Park Mumbai: मुंबई की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा माने जाने वाले शिवाजी पार्क में इस साल दशहरा रैली का सारा जोर उद्धव ठाकरे गुट पर रहने वाला है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने ठाकरे गुट को शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला न केवल उद्धव गुट के लिए बड़ी राहत है, बल्कि आने वाले चुनावी समीकरणों में इसे एक अहम मोड़ के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि शिवसेना की दशहरा रैली हमेशा से शिवाजी पार्क में ही होती आई है। बालासाहेब ठाकरे ने इस परंपरा की शुरुआत की थी और इसे शिवसेना की राजनीतिक ताकत का प्रतीक माना जाता रहा है। लेकिन शिवसेना में विभाजन के बाद इस मंच को लेकर हर साल टकराव देखने को मिलता है।
इस बार की सबसे बड़ी खबर यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट इस मंच से पीछे हट गया है। यानी राजनीतिक तौर पर अब पूरा फोकस उद्धव ठाकरे पर होगा। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि शिवाजी पार्क का यह मंच उद्धव गुट के लिए सियासी ऑक्सीजन साबित हो सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि दशहरा रैली 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे के लिए जनता को साधने का सबसे बड़ा मौका होगी। रैली में लाखों की भीड़ जुटने की संभावना है और उद्धव ठाकरे अपने भाषण के जरिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर निशाना साध सकते हैं।
दूसरी ओर, शिंदे गुट के इस मंच से पीछे हटने को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि शिंदे गुट अपनी ताकत अन्य जगहों पर दिखाना चाहता है, लेकिन शिवाजी पार्क छोड़ना कहीं न कहीं प्रतीकात्मक हार माना जा रहा है।
राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि दशहरा रैली सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि शिवसेना की पहचान और विरासत की जंग भी है। ऐसे में उद्धव ठाकरे की मौजूदगी और उनका भाषण आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति का माहौल तय कर सकता है।