हर जिले में कैंसर इलाज की सक्षम प्रणाली (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: राज्य में कैंसर मरीजों को आधुनिक उपचार मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक प्रभावी नीति बना रही है। इसके अनुसार हर जिले में कैंसर उपचार प्रणाली को सक्षम बनाया जा रहा है। नागपुर में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में आधुनिक कैंसर अस्पताल और राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज कैंसर अस्पताल के अधूरे भवन को भी निधि उपलब्ध कराकर आधुनिक बनाया जाएगा। राज्य के सभी कैंसर केंद्रों को आपस में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी।
कैंसर पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए विभिन्न स्तरों पर उपचार केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अनुसार हर जिले में व्यापक कैंसर उपचार सेवाएं, निदान, डे केयर, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी इकाइयां स्थापित की जाएंगी। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज कैंसर अस्पताल के अधूरे भवन का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाएगा और सरकार इसके लिए निधि उपलब्ध कराएगी। मेडिकल अस्पताल में एक आधुनिक कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है।
मेडिकल कैंसर अस्पताल को श्रेणी ‘ए’ में रखा गया है। यहां सभी नवीनतम उपचार सेवाएं उपलब्ध होंगी। राज्य में जरूरतमंद व्यक्ति को तत्काल सेवा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य में तीन प्रकार के उपचार केंद्रों में से एल 3 के लिए एक एकल क्लाउड कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी कहा कि कैंसर से जूझ रहे मरीजों को शीघ्र निदान और प्रभावी उपचार विधियां प्रदान की जाएंगी।
सरकार ने कैंसर की रोकथाम, निदान और समय पर उपचार पर जोर देते हुए एक व्यापक स्वास्थ्य नीति शुरू की है। यह नीति राष्ट्रीय ‘एनपी-एनसीडी कार्यक्रम’ (गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम) का हिस्सा है।
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देश में मुंह, नाक और गले से संबंधित मुख कैंसर के सबसे अधिक मरीज जिन क्षेत्रों में पाए जाते हैं, उनमें विदर्भ भी अव्वल स्थान पर है। इसके अलावा नागपुर और उसके आस-पास के जिलों में इस बीमारी के सबसे अधिक मरीज पाए जाते हैं। इसलिए सरकार को नागपुर सहित विदर्भ में इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा यदि इन मरीजों के हिस्ट्री की जांच की जाए तो 80 प्रतिशत से ज्यादा मरीज तंबाकू और अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। इसलिए राज्य में चबाने वाले तंबाकू समेत तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध होने के बावजूद सरकार इन उत्पादों की आपूर्ति कैसे रोकेगी, जबकि इनकी बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है, यह सवाल अनुत्तरित है।