भारतीय मजदूर संघ। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: संगठित और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले बिजली ठेका कर्मचारी सचिन मेंगले को भारतीय मजदूर संघ का महाराष्ट्र राज्य उपाध्यक्ष चुना गया। सचिन मेंगले 1997 से भारतीय मजदूर संघ के साथ पूर्णकालिक रूप से काम कर रहे हैं।
वेतन वृद्धि समझौतों और विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को न्याय दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उनकी शिक्षा: श्रम कानून और श्रम कल्याण में स्नातकोत्तर है।
1 और 2 फरवरी को पुणे में आयोजित भारतीय मजदूर संघ की क्षेत्रीय बैठक में क्षेत्रीय प्रभारी सी. वी. राजेश, प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अनिल धुमाणे, महासचिव किरण मिलगीर और संगठन मंत्री बालासाहेब भुजबल ने चयन की घोषणा की।
आने वाला समय ठेका मजदूरों का है और ऐसे समय में संगठित और असंगठित क्षेत्र के शोषित और वंचित मजदूरों के हित में सरकार और प्रशासन के खिलाफ लगातार और ईमानदारी से न्याय की लड़ाई लड़ने वाले सचिन मेंगले का आना स्वाभाविक है।
सचिन मेंगले उपाध्यक्ष नियुक्त
भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, विद्युत ठेका श्रमिक संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। नीलेश खरात ने महाराष्ट्र राज्य में ठेका श्रमिकों पर यह विचार व्यक्त किया है। सचिन मेंगले ने भारतीय मजदूर संघ के माध्यम से आम मजदूरों को न्याय दिलाने की कोशिश करने की इच्छा व्यक्त की है। यह बात प्रदेश अध्यक्ष नीलेश खरात ने कही।
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बता दें कि भारतीय मजदूर संघ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय श्रमिक संगठन है। इसकी स्थापना 23 जुलाई 1955 को हुई। भारत के अन्य श्रम संगठनों की तरह यह किसी संगठन के विभाजन के कारण नहीं बना, वरन एक विचारधारा के लोगों का सम्मिलित प्रयास का परिणाम था।
यह देश का पहला मजदूर संगठन है, जो किसी राजनैतिक दल की श्रमिक इकाई नहीं, बल्कि मजदूरों का, मजदूरों के लिए, मजदूरों द्वारा संचालित अपने में स्वतंत्र मजदूर संगठन है। स्थापना के पश्चात द्रुत गति से उन्नति करते हुए आज यह देश में सर्वाधिक सदस्य संख्या वाला मजदूर संगठन है।
भारतीय मजदूर संघ ने एक करोड़ से अधिक सदस्यता तथा पांच हजार से अधिक यूनियनों के साथ देश का पहले नम्बर का केंद्रीय श्रमिक संगठन बना। भारतीय मजदूर संघ का कार्य भारत के 32 राज्यों तथा 44 उद्योगों में है।
यह 1989 की सदस्यता सत्यापन के आधार पर पहली बार 1996 में देश का नम्बर एक मजदूर संगठन घोषित हुआ। वर्ष 2002 की सदस्यता सत्यापन के अंतरिम परिणाम की घोषणा के अनुसार भारतीय मजदूर संघ 62 लाख से भी अधिक संख्या के साथ अब भी देश का सबसे अधिक सदस्यों वाला मजदूर संगठन है।