'संघ' के शतकपुर्ती पर प्रार्थना ऑडियो जारी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संगठन की ‘प्रार्थना’ भारत माता की प्रार्थना और देश एवं ईश्वर के प्रति संघ के स्वयंसेवकों का सामूहिक संकल्प है। उन्होंने कहा कि जहां व्यक्तिगत संकल्प प्रत्येक स्वयंसेवक के दृष्टिकोण तक सीमित रहते हैं, वहीं साझा मिशन और मूल्य संघ की प्रार्थना से उत्पन्न होते हैं, जिसका प्रतिदिन पाठ किया जाता है।
भागवत ने नागपुर के रेशमबाग महर्षि व्यास सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान संघ की प्रार्थना का ऑडियो जारी किया, जिसे गायक शंकर महादेवन ने आवाज दी है। कार्यक्रम में अभिनेता सचिन खेडेकर, वरिष्ठ प्रस्तोता हरीश भिमानी और संगीतकार राहुल रानाडे भी उपस्थित थे।
नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा, “यह भारत माता के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण को अभिव्यक्ति है। यह प्रार्थना है कि हम देश को क्या देश सकते हैं और फिर ईश्वर से प्रार्थना है कि देश सेवा में हमारी सहायता करे। ” उन्होंने कहा कि ऑडियो जारी होने के साथ ही यह प्रार्थना ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि प्रार्थना एक भावना है जो स्वयंसेवकों को मातृभूमि के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण के सामूहिक संकल्प में मदद करती है।
यह गीत लंदन के एक स्टूडियो में रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा के साथ रिकॉर्ड किया गया था, जिसमें सभी संगीतकार विदेशी थे। महादेवन ने इस संगीतमय प्रस्तुति में अपनी आवाज दी है जबकि मराठी में खेडेकर ने और हिंदी में भिमानी ने वर्णन किया। आठ अलग-अलग भाषाओं में स्वर दिए गए। संघ की मूल प्रार्थना के रचनाकार नरहरि नारायण भिड़े थे और पहली बार यादव राव जोशी ने 23 अप्रैल, 1940 को पुणे में संघ शिक्षा वर्ग में इसे गाया था।
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प्रार्थना का प्रारंभिक प्रारूप 1939 में पुणे में एक बैठक के दौरान तैयार किया गया था। भागवत ने कहा, “संघ प्रार्थना भारत माता की प्रार्थना है। 1940 से स्वयंसेवक प्रतिदिन इसका पाठ करते हैं। यह प्रार्थना संघ का सामूहिक संकल्प है। प्रार्थना की भावना संकल्प की शक्ति है, और यह मातृभूमि के प्रति भक्ति, प्रेम व समर्पण का प्रतीक है।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)