किसानों की ऋण माफी पर चर्चा के लिए विधानमंडल का विशेष सत्र (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश से फसलों को हुए नुकसान के बाद शनिवार को किसानों के लिए कर्ज माफी की मांग की और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाने का भी आग्रह किया। इस स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्तारूढ़ दल को शासन करना नहीं आता। बीस सितंबर से भारी बारिश और उफनती नदियों ने राज्य के कई हिस्सों, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। बर्षा जनित हादसों में कम से कम नौ लोगों की जानें जा चुकी है। सरकार ने कहा है कि बाढ़ के कारण 30,000 हेक्टेयर से ज़्यादा जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
ठाकरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ हम राज्य के किसानों के लिए पूरी तरह से कर्ज माफी की मांग करते हैं क्योंकि भारी बारिश ने उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाया है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को प्रभावित किसानों के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर राहत की घोषणा करनी चाहिए। ठाकरे ने मौजूदा हालात में किसानों के सामने आ रही समस्याओं पर चर्चा के लिए राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी और उनसे बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद करने का आग्रह किया।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस द्वारा की गई आलोचना का जवाब दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मराठवाड़ा में किसानों की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने का यही सही समय है। उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मैं, संजय राउत, अंबादास दानवे, ओमराजे, कैलास और सभी शिवसैनिक एक दिन मराठवाड़ा के किसानों से मिले। मौजूदा हालात बेहद खराब हैं। कुछ इलाकों में अभी भी भारी बारिश हो रही है। किसान के हाथ में जो घास आई थी, वह चली गई। यह सिर्फ किसानों की ही नहीं, हमारी भी है। उनकी पूरी जिंदगी बह गई। उनके सिर पर कर्ज है।’
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, ‘यही असली समय है, उन्हें इस कर्ज से मुक्ति दिलाओ। अभी दी जा रही सहायता बहुत कम है। अगर आप दी जा रही सहायता को देखें, तो आठ से दस हज़ार सिर्फ़ सफ़ाई में ही चले जाएँगे, उसके बाद किसान उससे फ़सल काट लेंगे। उन्होंने जो 14 हज़ार करोड़ की सहायता की घोषणा की थी, वह अभी तक नहीं पहुँची है। किसानों का पूरा कर्ज़ माफ़ किया जाना चाहिए।’
इसके बाद ठाकरे ने सत्ताधारियों पर समय बर्बाद करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, ‘जब हम सत्ता में थे, तब संकट आने पर हम पंचांग नहीं बनाते थे।’ ठाकरे ने पंजाब का उदाहरण भी दिया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ फडणवीस की मुलाक़ात की भी आलोचना की। उन्होंने यह भी कहा कि क्या चर्चा हो रही है और क्या प्रस्ताव रखे जा रहे हैं, सब कुछ हमारे सामने दिख रहा है, सीधे मदद करें।
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ठाकरे ने बिहार में महिलाओं के लिए घोषित योजना की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “जब आप वोट चुराते पकड़े गए, तो बिहार की महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये डालकर बिहार क्या खरीदेगा? क्या आपको नहीं दिखता कि महाराष्ट्र में चुनाव न होने के कारण किसान परेशान हैं?” उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री से किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये देने की भी माँग की।
(एजेंसी इनपुट के साथ)