नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) नागपुर के निदेशक मंडल द्वारा की गईं कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए मानसून सत्र के अंतिम दिन एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम इस मामले की जांच करेगी। यह घोषणा पणन मंत्री जयकुमार रावल ने की।
समिति में जिलाधिकारी समेत ग्रामीण पुलिस अधीक्षक और छत्रपति संभाजीनगर स्थित सहकारी संस्था के विभागीय सहनिबंधक शामिल हैं। समिति 30 दिनों के भीतर अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। पूर्व नागपुर के विधायक कृष्णा खोपड़े ने इस संबंध में विधानसभा का ध्यान आकर्षित करते हुए जांच की मांग की थी।
एसआईटी द्वारा कृषि उपज बाजार समिति में कार्यरत संचालक मंडल की कार्यप्रणाली, महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न पणन (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1963 और उसके अंतर्गत नियम, 1967 के अनुसार बाजार समिति द्वारा अनाज वितरण करते समय संचालक मंडल के सदस्यों द्वारा की गईं अनियमितताओं और आपराधिक कदाचार, धोखाधड़ी या मिलीभगत की जांच करेगी।
साथ ही एपीएमसी से संबंधित पीएल खंडागले समिति द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के अनुसार सरकार को हुई राजस्व हानि के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण करेगी और राजस्व में हुई वित्तीय हानि का आंकड़ा निर्धारित करने में संचालक मंडल के तत्कालीन और वर्तमान सदस्यों द्वारा की गई कदाचार और भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी।
अनाज वितरण में कदाचार को लेकर 2017 में तत्कालीन जिला विशेष लेखा परीक्षक वर्ग-1 एडी पाटिल की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई थी। तब जांच समिति की रिपोर्ट बाजार समिति को सौंपी गई थी। अब एसआईटी द्वारा इसकी भी विस्तृत जांच की जाएगी।
विशेष जांच दल को सरकार द्वारा जांच और सत्यापन के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं। जांच के लिए छत्रपति संभाजीनगर स्थित सहकारी संस्था के विभागीय सहनिबंधक कार्यालय से भी कर्मचारियों को जांच के लिए भेजा जाएगा। आवश्यकतानुसार नागपुर स्थित विभागीय सहनिबंधक कार्यालय के कर्मचारियों की भी सहायता ली जा सकेगी।
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पूर्व मंत्री स्वर्गीय बाबासाहेब केदार ने इस बाजार की स्थापना की थी। जिले के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी बड़ी मात्रा में फल और सब्जियां यहां आती हैं। रोजाना करोड़ों का लेन-देन होता है। स्थापना के बाद से ही इस बाजार पर केदार परिवार का दबदबा रहा है। आने वाले दिनों में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं।
नागपुर जिले की राजनीति को देखते हुए इसे केदार परिवार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। नागपुर मध्यवर्ती बैंक घोटाला मामला अभी चल ही रहा है। अब राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इस जांच के जरिए सुनील केदार और उनके समर्थकों को फिर से घेरने की कोशिश की जा रही है।