
विमान हादसे पर राज ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। इस भीषण दुर्घटना में कई यात्रियों ने जान गंवाई। इसी पृष्ठभूमि में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक गंभीर सवाल उठाया है कि जब ड्रीमलाइनर विमानों पर डीजीसीए को इतनी शिकायतें मिल रही थीं, तब भी इन पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया? राज के इस बयान के बाद विमानन क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीरता का माहौल बन गया है।
उन्होंने जो मुद्दा उठाया है, यह साल 2020 से 2023 के बीच का है, जब ड्रीमलाइनर विमानों में दुनियाभर में बार-बार तकनीकी खराबियां सामने आई थीं। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित इन ड्रीमलाइनर विमानों की सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल उठे थे। गौर करने वाली बात यह है कि केवल एयर इंडिया ही नहीं, बल्कि कई अन्य विमान कंपनियों ने भी 40 से अधिक ड्रीमलाइनर विमानों का ऑर्डर दिया था।
उस समय इन विमानों को सेवा में लेने के लिए सरकार और डीजीसीए की तरफ से अनुमति दी गई थी। इस पर ठाकरे ने कहा कि जब दुनिया भर में ये विमान तकनीकी खामियों की वजह से सेवा से हटाए जा रहे थे, तब भारत में इन्हें सेवा में क्यों रखा गया? इस हादसे में उपयोग में लाया गया विमान 28 जनवरी 2014 को एयर इंडिया की सेवा में शामिल हुआ था।
इसके बाद के वर्षों में ड्रीमलाइनर विमानों को लेकर कई समस्याएं सामने आई थीं। जैसे इंजन में खराबी, इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल होना, केबिन प्रेशर की दिक्कतें आदि। इन घटनाओं ने इन विमानों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए थे। फिर भी भारत सरकार और डीजीसीए ने इन विमानों पर सख्त निर्णय क्यों नहीं लिया।
राज ने कहा अगर हमें इन विमानों की शिकायतें पहले से पता थीं, तो हमने इन्हें इस्तेमाल करने की अनुमति क्यों दी? डीजीसीए ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या सिर्फ इसलिए कि ये विदेशी कंपनी द्वारा बनाए गए हैं, हम उन पर आंख बंद कर भरोसा करें? इस पूरे मामले के सभी तथ्य अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुए हैं। इसलिए हादसे की गहराई से जांच करना अत्यंत आवश्यक है। इस दुर्घटना का असली कारण क्या था तकनीकी खराबी या मानवीय चूक यह जांच के बाद ही सामने आ पाएगा।






