वसई-विरार में असुरक्षित ट्रांसफार्मर (pic credit; social media)
Unsafe transformer in Vasai-Virar: वसई-विरार के तेजी से बढ़ते शहरीकरण और बढ़ती आबादी के बीच बिजली की मांग भी बढ़ रही है। महावितरण ने शहर में 10 लाख से अधिक ग्राहकों के लिए $846 बिजली लाइनें और कई ट्रांसफार्मर लगाए हैं। लेकिन इन लाइनों और ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसके कारण कई जगहों पर दुर्घटनाएं हो रही हैं।
हाल ही में नालासोपारा पश्चिम के डांगवाड़ी इलाके में एक ट्रांसफार्मर में विस्फोट हुआ। आग की लपटों में खेल रहे छह वर्षीय बच्चे और वहां काम कर रहे 30 वर्षीय व्यक्ति जलकर घायल हो गए और उनकी मौत हो गई। इस घटना ने शहर में असुरक्षित खंभों की गंभीरता को उजागर किया।
शहर में कई खुले खंभे नागरिकों और बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं। कुछ खंभों के नीचे स्टॉल और रेस्टोरेंट भी बने हैं। मानसून में खंभों पर पानी जमा होने और शॉर्ट सर्किट की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, कई स्ट्रीट लाइटों की सफाई और देखभाल नहीं की जाती, जिससे आग लगने का खतरा भी बढ़ता है।
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महावितरण ने पारंपरिक लोहे की सुरक्षा गलियां लगाई हैं, लेकिन वे समय के साथ जंग लगने और टूटने के कारण कारगर नहीं रहतीं। कास्टिक समाधान के तौर पर फाइबर सुरक्षा जाल की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसे व्यापक रूप से लागू नहीं किया गया।
इस स्थिति के कारण नागरिकों का सड़कों पर चलना खतरे में है। लोग बार-बार सरकार और महावितरण से खतरनाक खुले खंभों पर सुरक्षा बॉक्स लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई धीमी है।
पुलिस और प्रशासन भी इस पर सतर्क हैं। शहर में दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या, खुले ट्रांसफार्मर और खराब स्ट्रीट लाइट सुरक्षा के मुद्दों को गंभीर बनाने की जरूरत पर जोर दे रही है। नागरिकों का कहना है कि इन खतरों को नजरअंदाज करना जान-माल के लिए बड़ा जोखिम है।
वसई-विरार की यह स्थिति स्पष्ट करती है कि बिजली लाइनों और ट्रांसफार्मरों की नियमित निगरानी और सुरक्षा उपाय न किए जाने से शहर में बड़े हादसों की संभावना बनी रहती है।