वसई-विरार नगर निगम (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: वसई-विरार शहर मनपा क्षेत्र में अधिकांश सड़कों की हालत इस कदर बदहाल हो चुकी है कि यह अब महज एक यातायात समस्या नहीं, बल्कि मानवीय संकट का रूप ले चुकी है।
जगह-जगह बने गहरे गड्ढे न केवल वाहन चालकों को कठिनाई में डाल रहे हैं, बल्कि गर्भवती महिलाओं और आपातकालीन मरीजों के लिए ये जानलेवा साबित हो रहे हैं।
बारिश के मौसम में सड़कों की हालत और भी खराब हो गई है। रिक्शा या निजी वाहनों से सफर करने वाली गर्भवती महिलाएं जब इन गड्डों से होकर गुजरती हैं तो उन्हें तेज झटकों का सामना करना पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। साथ ही, इमरजेंसी मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचा पाना भी अब एक बड़ी चुनौती बन गई है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि वसई-विरार मनपा हर साल करोड़ों रुपये सड़क निर्माण और मरम्मत पर खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद गुणवत्ता शून्य है। ठेकेदारों द्वारा की गई लापरवाही और घटिया सामग्री के कारण हर मानसून के पूर्व बनी सड़कें बारिश होते ही बह जाती हैं और पूरे शहर को गड्डों में तब्दील कर देती हैं। वसई-विरार की सड़कों की बदहाली न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर रही है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा कर रही है कि जनता के टैक्स का पैसा कहां और कैसे खर्च हो रहा है? यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में हालात और अधिक भयावह हो सकते हैं।
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स्थानीय समाजसेवक प्रदीप सिंह ने कहा है कि शासन तंत्र परिवर्तन के बाद लोगों को काफी उम्मीद थी, लेकिन पुरानी बनी सड़कों को मरम्मत कराने को लेकर मनपा प्रशासन की उदासीनता नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। अब नागरिक सवाल उठा रहे है कि आखिर वर्तमान में प्रशासन कौन चला रहा है। अगर प्रशासन ने पारदर्शी तरीके से काम किया होता तो आज हालत ऐसे न होते।