थोरियम परमाणु रिएक्टर का विकास। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: थोरियम परमाणु रिएक्टर के विकास के लिए सह्याद्री अतिथिगृह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में एक सहयोग पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता महाजेनको (महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी) और रूस की शासकीय कंपनी ROSATOM तथा स्मॉल मॉड्युलर रिएक्टर विद थोरियम फ्युएल के बीच हुआ।
महाराष्ट्र में थोरियम रिएक्टर का संयुक्त विकास। अणु ऊर्जा नियामक मंडल (AERB) के सुरक्षा मानकों के अनुसार थोरियम रिएक्टर का व्यावसायीकरण। “मेक इन महाराष्ट्र” पहल के अंतर्गत थोरियम रिएक्टर के लिए असेंबली लाइन की स्थापना। महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (मित्रा) इस परियोजना को रणनीतिक समर्थन प्रदान करेगा। सभी कार्य भारत सरकार और AERB की मार्गदर्शक सूचनाओं के अनुसार किए जाएंगे।
इस समझौते में महाराष्ट्र में एक थोरियम रिएक्टर का संयुक्त विकास, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) के सुरक्षा मानदंडों के अनुसार इसका व्यावसायीकरण, तथा ‘मेक इन महाराष्ट्र’ पहल के तहत थोरियम रिएक्टर के लिए असेंबली लाइन की स्थापना शामिल होगी।
यह पहल भारत सरकार और परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्यान्वित की जाएगी और महाराष्ट्र परिवर्तन संस्थान (मित्रा) नीतिगत समर्थन प्रदान करेगा। इसके लिए एक विशेष संयुक्त कार्य समूह का गठन किया जाएगा और महानिमति, मित्रा, रूस की रोसाटॉम और ग्लोबल टेक्नोलॉजी अलायंस के प्रतिनिधि इसमें भाग लेंगे।
इस अवसर पर रूसी प्रतिनिधि मुंबई में रूसी संघ के महावाणिज्यदूत इवान वाई. फेटिसोव, रूसी दूतावास के यूरी ए. लिसेंको, भारत के काउंसलर और रोसाटॉम के भारत में प्रतिनिधि महाजेनको और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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महाराष्ट्रात थोरियम अणुभट्टी विकासासाठी सामंजस्य करार
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या उपस्थितीत सह्याद्री अतिथिगृह येथे आज महानिर्मिती आणि रशियाच्या रोसातोम (ROSATOM) कंपनीमध्ये थोरियम इंधनावर आधारित स्मॉल मॉड्युलर रिऍक्टरच्या विकासासाठी सामंजस्य करारावर स्वाक्षरी करण्यात…
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 11, 2025
इस प्रकल्प के लिए परस्पर समन्वय और अध्ययन के आधार पर एक संयुक्त कार्य समूह गठित किया जाएगा, जिसमें सहयोगी संस्थाओं—महाजेनको, रोसातोम एनर्जी प्रोजेक्ट, मित्रा और ग्लोबल टेक्नोलॉजी अलायंस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। परमाणु ऊर्जा के उपयोग और विकास के दौरान भारत सरकार द्वारा निर्धारित सभी कानूनी प्रावधानों और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य रहेगा।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “प्रधानमंत्री ने हाल ही में महाराष्ट्र में 4,819 करोड़ रुपये की लागत से 240 किलोमीटर लंबी गोंदिया-बल्हारशाह रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी है। यह परियोजना उत्तरी और दक्षिणी भारत के बीच यात्री और माल ढुलाई संपर्क बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। क्षेत्र के आकांक्षी जिलों में तेजी से विकास होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र को रेलवे के बुनियादी ढांचे के लिए अभूतपूर्व समर्थन मिला है। महाराष्ट्र को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन और समर्पित माल गलियारा सहित 1.73 लाख करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं दी गई हैं। अकेले चालू वित्त वर्ष में, राज्य को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं।”
अश्विनी भिडे, मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रधान सचिव, डॉ. श्रीकर परदेशी, सचिव, प्रवीण परदेशी, मित्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, संजय खंदारे, प्रभारी अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा), इव्हान वाय. फेटिसोव्ह, मुंबई स्थित रूसी महावाणिज्यदूत, युरी ए. लायसेन्को, काउंसलर, रूसी दूतावास व रोसातोम भारत प्रतिनिधि, अलेक्झांद्रे वोल्गिन, निदेशक, परियोजना विभाग (दक्षिण व दक्षिण एशिया क्षेत्र), दिमित्री गुमेन्निकोव्ह, परियोजना प्रबंधक, REP, महाजेनको, अभय हरणे, निदेशक (परियोजना), महाजेनको, अतुल सोनजे, मुख्य अभियंता, अमन मित्तल, सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रमोद शिंदे, सह सचिव, मित्रा, नितीन जावळे, सह सचिव, अणुऊर्जा विभाग, किशोर मुंदर्गी, ग्लोबल टेक्नोलॉजी एक्शन।