कबूतरखाना (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: कबूतरखाने को लेकर बीएमसी की एक बैठक आज आयोजित है। इस बैठक में शहर के हर वार्ड में एक कबूतरखाना बनाए जाने को लेकर चर्चा की जाएगी, लेकिन बीएमसी सूत्रों की माने तो कई इलाके में कबूतरखाने की जगह उपलब्ध नहीं है।
बीएमसी वार्ड अधिकारियों का कहना है कि कई इलाकों में जनसंख्या अधिक है, ऐसे में कबूतरों के लिए लोगों से दूर खुली जगह मिलना मुश्किल है। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ से दूर खुली जगहों को कबूतरखाने में बदलना मुश्किल है, क्योंकि कई ऐसी खुली जगह है, जहां लोग क्रिकेट खेलने आते हैं या व्यायाम के लिए आते हैं। ऐसे में अगर इन जगहों को कबूतरखाने में तब्दील किया जाता है तो कई लोगों को इससे समस्या हो सकती है।
अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में कबूतर को दाना डालने को लेकर नागरिकों द्वारा भेजे गए सुझाव पर भी विचार किया जाएगा। बता दें कि पिछले महीने 18 अगस्त से लेकर 29 अगस्त के बीच बीएमसी ने कबूतर को दाना डालने को लेकर नागरिकों से सुझाव मांगा था। इन सुझावों को कोर्ट द्वारा बनाए गए समिति को भी सौंपा गया है। अब तक विक्रोली, घाटकोपर व मालाड में मौजूद कुछ जगहों को बीएमसी ने डेडिकेटेड कबूतरखाने के लिए चिन्हित किया है।
गार्जियन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने हाल ही में बीएमसी को शहर के कुछ खुली जगहों को कबूतरखाने में तब्दील करने का सुझाव दिया था ताकि यह स्वास्थ्य के लिए खतरा भी नहीं रहे और लोग पारंपरिक तरीके से कबूतरों को दाना भी डाल सकें।
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3 जुलाई- राज्य सरकार ने नागरिकों को स्वास्थ्य को देखते हुए सभी 51 कबूतरखानों को बंद करने के लिए बीएमसी को निर्देश दिए।
14 जुलाई- बीएमसी दाना डालने वालों पर प्रतिबंध लगाने लगी। पक्षी प्रेमी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
15 जुलाई- हाई कोर्ट ने अस्थाई राहत प्रदान नहीं की, जिससे पक्षी प्रेमियों को झटका लगा।