युवाओं में हार्ट अटैक (pic credit; social media)
Heart Attack in Youth: मुंबई के वरिष्ठ हृदय विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अब दिल की बीमारियां केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं हैं। 20 से 35 साल के युवा भी तेजी से हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। सैफी हॉस्पिटल के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नितिन सी शाह का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण ने युवाओं में हार्ट संबंधी बीमारियों के खतरे को और गंभीर बना दिया है।
डॉ. शाह ने बताया कि उच्च रक्तचाप, ब्लड क्लॉट और मोटापा अब युवाओं में भी आम हो गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये जोखिम केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि जीवनशैली से भी जुड़ा है। अनियमित खानपान, जंक फूड, तनाव और पर्याप्त नींद न लेना युवाओं में हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा रहे हैं।
रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के डायरेक्टर, कार्डियक साइंसेज डॉ. अजित मेनन ने कहा कि धमनियों में ब्लॉकेज की प्रक्रिया बचपन से शुरू हो जाती है। अगर परिवार में किसी सदस्य को कम उम्र में हार्ट अटैक हुआ है, तो अगली पीढ़ी में जोखिम बढ़ जाता है। उन्होंने चेताया कि सिगरेट और वेपिंग दोनों ही समान रूप से हानिकारक हैं।
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डॉक्टरों ने यह भी कहा कि भारत पहले ही ‘डायबिटीज कैपिटल’ कहलाता है और युवाओं में डायबिटीज हार्ट अटैक का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर बनता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 27% मौतें हृदय रोगों से होती हैं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सीवीडी मृत्यु दर 272 प्रति लाख है, जबकि वैश्विक औसत 235 प्रति लाख है।
विशेषज्ञों ने युवाओं से अपील की है कि वे अभी से सावधान रहें। नियमित हेल्थ चेकअप कराएं, व्यायाम, संतुलित आहार, योग-ध्यान अपनाएं और धूम्रपान से दूर रहें। ये आदतें हार्ट अटैक की बढ़ती महामारी को रोकने में कारगर साबित हो सकती हैं।