
मुंबई बंधक कांड (सोर्स: सोशल मीडिया)
Rohit Arya Encounter Case: मुंबई के पवई स्थित महावीर क्लासिक बिल्डिंग में आरए स्टूडियो बंधक कांड की जांच, मुंबई क्राइम ब्रांच की दो यूनिट कर रही हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच ने रोहित द्वारा बच्चों को बंधक बनाने और उसकी मौत से जुड़े पवई मुठभेड़ मामले में अभी तक 7 लोगों के बयान दर्ज किया गया है।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने रोहित आर्या को गोली मारने वाले पवई पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक अमोल वाघमारे, रोहन अहेर (आर्या का सहायक), स्टूडियो में बंधक 75 वर्षीय महिला और उसकी पोती का बयान दर्ज किया। साथ ही आर्या का वीडियो प्राप्त करने और पुलिस तक पहुंचाने वाले तीन लोग तथा रोहित के बहनोई का भी बयान दर्ज किया गया।
राेहित आर्या की पत्नी, अभिनेत्री रुचिता जाधव और चाय विक्रेता उमेश तिवारी जैसे बंधकों के अभिभावकों के बयान दर्ज करने की योजना है, लेकिन वे अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं।
क्राइम ब्रांच ने रोहित का एनकाउंटर करने वाले सहायक पुलिस निरीक्षक अमोल वाघमारे का बयान दर्ज किया है। वाघमारे ने अपने बयान में कहा कि रोहित को गोली मारने का कोई आदेश नहीं था, स्थिति का आकलन करने के बाद गोली चलाई गई थी।
इस संबंध में पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। एक आकस्मिक मृत्यु की, जिसकी जांच अपराध शाखा यूनिट 2 और दूसरी अपहरण एवं हत्या के प्रयास की, जिसकी जांच क्राइम ब्रांच की यूनिट 8 को सौंपी गई है। इसके साथ ही एक समानांतर मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है।
यह भी पढ़ें:- BARC के फर्जी वैज्ञानिक को लेकर मुंबई पुलिस ने किए चौंकाने वाले खुलासे, इंटरनेशनल कनेक्शन आया सामने
बता दें कि इस कांड में रोहित आर्या ने 17 बच्चों सहित 20 लोगों को चंधक बनाया था। बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के दौरान हुई मुठभेड़ में पवई पुलिस ने आर्या का एनकाउंटर कर दिया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आर्या की मौत की मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गई है। जैसा कि कानून और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत अनिवार्य है। यह मजिस्ट्रेट जांच मुबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा शुरू की गई जांच के साथ-साथ स्वतंत्र रूप से की जा रही है।






