-अनिल चौहान
भायंदर: बस यात्रियों (Bus Passengers) को बारिश और धूप से बचाने के लिए बनाए गए स्टेनलेस स्टील के शेल्टर (छत वाले) बस स्टॉप कुछ ही साल में कबाड़ा हो गए हैं। अधिकांश बस स्टॉप (Bus Stop) टूटे-फूटे और और उनमें बैठने की सीट गायब (Seat Missing) है। इन बस स्टॉप को बनाने पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन इसका फायदा यात्रियों को नहीं हो रहा है। इन बस स्टॉप की पड़ताल की गई तब यह सच्चाई सामने आई। मीरा रोड़ के जांगिड़ सर्कल के पास 3 बस स्टॉप हैं। उनमें से एक बुरी तरह टूटा और दो में से सीट गायब हैं। कमोबेश यही हाल पूरे मीरा-भायंदर (Mira-Bhayander) के बस स्टॉप की है।
एक अनुमान के मुताबिक, 50 परसेंट बस स्टॉप में बैठने की व्यवस्था मसलन बैंच (शीट) या तो टूटे हैं या गायब हैं या फिर लगाए ही नहीं गए हैं। कुछ बस स्टॉप के छत गायब हैं। ये बस स्टॉप्स 4 साल के भीतर ही बने थे ।
एक स्टॉप पर 5 से 6 लाख रुपए खर्च होता है। इन्हें बनवाने का काम नगरसेवक और विधायक अपने निधि से करते हैं, लेकिन पैसा मीरा-भायंदर और राज्य सरकार की तिजोरी से आया था और वह कर के तौर पर दी गई जनता की गाढ़ी कमाई थी। टूट-फूटे होने से यह बस स्टॉप जनता के काम ही नहीं आ रहें हैं।
बस स्टॉप बनवाना फायदे का काम माना जाता है। इसके लिए नगरसेवकों में होड़ लगी रहती है, लेकिन बनने के बाद इनकी मरम्मत और देखरेख की सुध नहीं लेते हैं। हालांकि यह जिम्मेदारी मीरा-भायंदर महानगरपालिका की है। छह साल से बस स्टॉप पर विज्ञापन करवाने का काम महानगरपालिका द्वारा नहीं किए जाने से करोड़ों रुपए का राजस्व डूब चुका हैं।
[blockquote content=”बस स्टॉप से सीट गायब होने के कारण हमें खड़ा रहना पड़ता है। आधे-आधे घंटे पर बस आती है। भयंकर गर्मी में यात्रियों का बुरा हाल हो रहा है। ” pic=”” name=”- प्रकाश छेड़ा, बस यात्री, शांति पार्क”]
[blockquote content=”बस स्टॉप सिर्फ बस रुकने के लिए नहीं, बल्कि बस का इंतजार कर रहे यात्रियों के बैठने के लिए भी होता है। बस स्टॉप के आस-पास शराब की दुकानों और मयखाने के बाहर सेल्फी प्वाइंट बनाई गईं हैं, लेकिन बस स्टॉप की मरम्मत की फिक्र जनप्रतिनिधियों को नहीं है।” pic=”” name=” -संजय ठाकुर, जिला उपाध्यक्ष, बीजेपी युवा मोर्चा”]
[blockquote content=”मीरा-भायंदर महानगरपालिका पूरे शहर में पुतले लगा रही है। नगरसेवक सूचना फलक पर अपना नाम-फोटो चमका रहे हैं, लेकिन टूटे-फूटे बस स्टाफ की मरम्मत करने के लिए पैसे नहीं हैं। पुतले जनता के किस काम आने वाले हैं। इसकी जगह गर्मी में बस स्टॉप पर पानी की व्यवस्था करनी चाहिए थी। ” pic=”” name=”-मोहम्मद उमर कपूर, जिला महासचिव, कांग्रेस”]
[blockquote content=”शहर में 125 शेल्टर बस स्टॉप हैं। उनकी मरम्मत और देखरेख तथा विज्ञापन करने के लिए निविदा निकाली गई है। विज्ञापन के बदले ठेकेदार महानगरपालिका को पैसा भी देगा। ” pic=”” name=”-दिनेश कानगुडे, परिवहन विभाग”]
[blockquote content=”खस्ताहाल बस स्टॉप्स की मरम्मत करने के लिए हम प्रशासन को पहले ही अवगत करा चुके हैं।स्टील के बस स्टॉप की मरम्मत अगले चार साल तक करने की जिम्मेदारी उसे बनाने वाले ठेकेदार की होती है।दोषी ठेकेदारों के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए। ” pic=”” name=”-प्रशांत दलवी, सभागृह नेता “]