सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार सख्त कानून बना रही है। कानून के क्रियान्वयन के साथ-साथ समाज में महिलाओं के प्रति मानसिकता में बदलाव आना भी जरूरी है। महिलाओं की शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। राज्य सरकार सोशल मीडिया पर मॉर्फिंग और डीपफेक वीडियो के माध्यम से होने वाले कदाचार को रोकने के लिए साइबर तकनीक की सहायता लेते हुए ऐसे अपराधों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। महिला दिवस के मौके पर महिला पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महिला पत्रकारों को शुभकामनाएं दीं और सह्याद्री गेस्ट हाउस में उनके साथ बातचीत करते हुए महिला सशक्तिकरण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों, उनकी सुरक्षा से संबंधित मुद्दों और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से की जा रही पहल पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर अपील की कि सभी को समाज की मानसिकता को बदलने और पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता स्थापित करने के कार्य में योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर राज्य मंत्री पंकज भोयर भी उपस्थित थे।
मीडिया क्षेत्र में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “महिलाओं को मल्टीटास्किंग कार्य करते समय अनेक जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं। मीडिया क्षेत्र में महिलाओं को 24 घंटे सतर्क रहना पड़ता है। व्यवसाय, घर और सामाजिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए महिलाओं को हर स्तर पर अनेक संघर्षों का सामना करना पड़ता है।”
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न क्लस्टर्स में महिला उद्यमियों को विशेष अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी के साथ मायक्रोसॉफ्ट की सहायता से 10 हजार महिलाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित नौकरियां होंगी और महिलाएं इस मोर्चे पर आगे रहें, इसके लिए यह उपक्रम महत्त्वपूर्ण रहेगा, ऐसा मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा।
मॉनिटरिंग का मतलब है कि एक ऐसा सिस्टम बनाएं जिसमें सभी समाचारों का विभागीकरण किया जाएगा। जो समाचार नकारात्मक हों, उनका सही उत्तर और सही तथ्य समाचार देने वालों तक पहुंचाना ही मीडिया मॉनिटरिंग का प्रयोजन है। मीडिया पर कोई अंकुश नहीं है।
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प्रशासन में कार्यरत महिला अधिकारी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं और काम करते हुए उन्होंने अपनी जिम्मेदारी की छाप भी छोड़ी है। राज्य के मुख्य सचिव पद से लेकर प्रशासन के विभिन्न विभागों में प्रमुख पदों पर महिला अधिकारी कार्यरत हैं।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य के महामार्गों पर प्रत्येक 50 किमी के अंतर पर सार्वजनिक स्वच्छतागृह उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसी के साथ उनका दीर्घकालीन व्यवस्थापन और देखभाल किए जाने की ठोस योजना बनाई गई है।
स्कूली जीवन से ही बच्चों में लैंगिक समानता की भावना पैदा की जानी चाहिए। महिलाओं का आदर-सम्मान करना बचपन से ही सिखाया जाना चाहिए। यह जिम्मेदारी उनके स्कूल, परिवार और समाज की भी है।
सार्वजनिक जीवन में हर महिला को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। फिर भी यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को लगातार ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद कुछ महिलाएं अपने विचारों पर दृढ़ रहती हैं और इसका मुकाबला करती हैं।
लव जिहाद प्रकरण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “शुरू में ऐसी घटना एक-दो अपवादस्वरूप लगती थी, किंतु जांच करने पर पता चला कि ये सब बड़े पैमाने पर हो रहा है। अनेक लड़कियों को फंसा लिया जाता है। इस कृत्य पर कठोर कार्रवाई करना आवश्यक है। इस उद्देश्य से हमने अधिकारियों की विशेष समिति तैयार की है। उनको ऐसे प्रकरणों का गहन विश्लेषण करने के निर्देश दिए गए हैं।”
उन्होंने बताया, अनेक लोगों को मेरे राजनीतिक उत्तराधिकारियों के बारे में चिंता है, लेकिन मैं अपने परिवार में मैं ही आखिरी राजनेता रहूँगा, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया। सूचना व जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव तथा महासंचालक ब्रिजेश सिंह, संचालक हेमराज बागुल, संचालक किशोर गांगुर्डे और संचालक दयानंद कांबळे उपस्थित थे।