विकास की पोल खोलती मुंबई की सड़कें, बदहाली पर बहा रही आंसू, मानसून में होगा बुरा हाल
मुंबई भर में सड़कें इतनी जर्जर हैं कि लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है। चुनाव के दौरान विकास का दावा किया गया, लेकिन मुंबई के अंदरुनी इलाकों की सड़कें मुंबई में हुए विकास की पोल खोल रहीं हैं।
मुंबई: जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उदासीनता के बीच आज भी उपनगर मुंबई की कई सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। इसी क्रम में बात करें मालाड पूर्व शिवाजी नगर की तो इस इलाक़े में गांधी नगर से लेकर खड़ी मशीन तक और दुसरी छोर पर भीम नगर से प्रताप नगर तक की लगभग 1.5 किलो मीटर लम्बी व 30 फीट चौड़ी सडको का हाल बेहाल स्थिति में है। यहां की खस्ताहाल सड़के नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। शिवाजी नगर से लगकर आने जाने वाली महत्वपूर्ण सड़कों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है।
सड़कों का हाल यह है कि बिना बरसात के ही यह सड़क पानी में डूबी रहती हैं। जिसका मुख्य कारण सड़क के दोनों किनारे की भरी हुई गटर है। बताया जाता है की गटर की गहराई 2.5 से 3 फीट है और चौड़ाई 1.5 फीट होने के कारण अक्सर गंदगी से गटर भर जाता है। भरे हुए गटर की नियमित रूप से साफ सफाई भी नहीं की जाती है। जिसकी वजह से गटर का पानी सड़क पर बहता रहता है। ऐसे में मानसून में इस सड़क का हाल क्या होगा यह तो भगवान भरोसे है।
यही हाल मुंबई के मालाड इलाके की सड़क का है, लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरे मुंबई में सड़के अच्छे हाल में हैं, मुख्य सड़कों को छोड़ दिया जाए तो अंदरूनी इलाके की सभी सड़कों का लगभग यही हाल है। अच्छी सड़क को तोड़कर फिर से बनाया जा रहा है, वहीं खस्ताहाल सड़कों पर प्रशासन का ध्यान बिल्कुल नहीं है। खस्ताहाल सड़के और खराब होती जा रही हैं, वहीं नई सड़कों को तोड़कर फिर से बनाने का काम जारी है। ऐसे में जनता को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर क्या चल रहा है।