
पुराने इंजन लगाने में 7 करोड़ की धोखाधड़ी (pic credit; social media)
Fraud with Boats Engines: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक्वेरियस शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (एएसपीएल) और उसके प्रबंध निदेशक रत्नाकर दांडेकर, निदेशक मोनिका दांडेकर सहित अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। आरोपपत्र में कहा गया है कि एएसपीएल ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड से नौकाओं के रखरखाव के उपठेके में धोखाधड़ी की।
जांच में पाया गया कि एएसपीएल ने 11 नौकाओं के मूल एविनरूड इंजन हटाकर पुराने और घटिया इंजनों से बदल दिए। इस बदलाव के कारण सरकार को लगभग 7.23 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आरोपपत्र में बताया गया कि कंपनी ने जाली पूर्णता प्रमाण पत्र और फर्जी बिल बनाए, जिसमें झूठा दावा किया गया कि नौकाओं के मूल इंजनों का प्रतिस्थापन किया गया है।
इसके अलावा, कंपनी ने सीमा शुल्क छूट के लिए आयातित इंजनों को महाराष्ट्र पुलिस की नौकाओं के लिए इस्तेमाल बताया, जबकि असल में ऐसा नहीं था। जांच में यह भी पाया गया कि दो नौकाओं (मुंबई-3 और तरंग) के इंजन अच्छी स्थिति में थे, फिर भी उन्हें जबरन हटाकर दूसरी नौकाओं के घटिया इंजनों से बदल दिया गया।
यह घोटाला 26/11 के मुंबई हमलों के बाद खरीदी गई 57 गश्ती और इंटरसेप्टर नौकाओं के रखरखाव से जुड़ा है। इन नौकाओं का ठेका गोवा शिपयार्ड को मिला था, जिसने एएसपीएल को उपठेका दिया था। अगस्त 2020 में अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जिसके बाद एसीबी की जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि हुई।
अधिकारी ने बताया कि आरोपपत्र दायर होने के बाद अब अदालत में केस की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जांच अधिकारियों का कहना है कि यह मामला नौकाओं के रखरखाव में सरकारी धन की गहन हेरफेर और वित्तीय धोखाधड़ी का बड़ा उदाहरण है।
मौका पर एएसपीएल के अधिकारियों की कथित मिलीभगत और फर्जी दस्तावेज़ बनाने के तरीके ने जांचकर्ताओं को गंभीरता से सतर्क कर दिया है। पुलिस ने कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए निगरानी और अनुश्रवण कड़ी किया जाएगा।






