
आनंद दुबे और बांग्लादेश हिंसा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जिस तरह की स्थिति बांग्लादेश में है, हिन्दुओं को टारगेट कर मारा जा रहा है। भारत में रहने वाले हिन्दुओं में गुस्सा है और जो लोग हिन्दुओं को मार रहे हैं, अब जरूरत है कि केंद्र सरकार बांग्लादेश पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उन लोगों को अंजाम तक पहुंचाए जो दोषी हैं।
आनंद दुबे का यह बयान उस वक्त आया है जब कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की। आनंद दुबे ने मुंबई में आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि इमरान मसूद का बयान सिर्फ प्रियंका गांधी के लिए उनकी तारीफ को जाहिर करता है। 2029 से पहले कोई लोकसभा चुनाव नहीं होने वाले हैं, तो प्रियंका गांधी उस समय प्रधानमंत्री कैसे बन सकती हैं?
उनकी बातें सिर्फ उनकी पर्सनल तारीफ हैं और इससे ज्यादा कुछ नहीं। बांग्लादेश में जो हो रहा है, उसका विरोध हो रहा है। भारत सरकार को भी विरोध करना चाहिए। वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, वहां सर्जिकल स्ट्राइक होनी चाहिए। प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए वे कह देते हैं। यह कल्पनाओं में जीने वाली बात है।
भाजपा नेता नवनीत राणा के बयान पर आनंद दुबे ने कहा कि नवनीत राणा को हिंदुओं का प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता। हिंदू समुदाय सहनशील है और सही-गलत की समझ रखता है। आज के हिंदू समाज में एक, दो या तीन बच्चे होना आम बात है और सभी इसे समझते हैं।
नवनीत राणा हिंदू समुदाय के मूल्यों को नहीं दिखातीं। 20 से 25 बच्चे होना विज्ञान के तर्क से भी नहीं है। ऐसे लोग किसी धर्म के सगे नहीं हैं, वे केवल राजनीति करती हैं। राजनीति के हाशिए पर चली गई हैं। लाइमलाइट में आने के लिए ऐसा बयान देती हैं।
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एलडीएफ पार्षद के मुद्दे पर कहा कि जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं। जो देश का नहीं, वह किसी काम का नहीं। हमारे देश में ‘जय हिंद, भारत माता की जय’ नहीं कह सकता, वह देश में नहीं रह सकता। पाकिस्तान-बांग्लादेश चले जाओ। इसकी व्यवस्था शिवसेना (यूबीटी) कर देगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने क्या सोचकर कहा, पता नहीं। अब तक बहुत कुछ बदल जाना चाहिए था। लेकिन, लोगों का गुस्सा ही बढ़ गया है। इनके जैसे कई नेता हैं, जो कांग्रेस की नाव डूबाने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस पता नहीं किस मजबूरी में है, क्यों नहीं भगा रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






