
मुंबई का आरए स्टूडियो व रोहित आर्या (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Legislative Assembly Winter Session: मुंबई में 19 लोगों को बंधक बनाने वाले उद्यमी रोहित आर्या की पुलिस मुठभेड़ को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को विपक्ष ने राज्य सरकार की आलोचना की। विपक्ष ने दावा किया कि यह पुलिस कार्रवाई गलत थी और इससे बचा जा सकता था। वहीं, सरकार ने पुलिस की कार्रवाई को पूरी तरह सही ठहराया है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इस मुद्दे को उठाया और सरकार की आलोचना की। उन्होंने बताया कि पवई में एक स्टूडियो से 17 बच्चों और दो वयस्कों को बचाने के दौरान गोली लगने से रोहित आर्या मारे गए थे, जबकि आर्या ने बकाया राशि की मांग की थी। वडेट्टीवार ने यह भी याद दिलाया कि आर्या ने एक वीडियो बनाया था, जिसमें कहा गया था कि मुझे मेरे पैसे दे दो, मैं आतंकवादी नहीं हूं। कांग्रेस विधायक ने सवाल उठाया कि इसके बावजूद, उसे मुठभेड़ में क्यों मारा गया, जबकि उसे पैर में गोली मारी जा सकती थी?
विजय वडेट्टीवार ने यह भी आरोप लगाया कि आर्या का भुगतान एक पूर्व मंत्री द्वारा लिए गए फैसलों के कारण रोक दिया गया था। उन्होंने पूछा कि क्या पूर्व मंत्री के खिलाफ कोई जांच हुई थी और क्या पैसा अभी भी बकाया है? विधायक नाना पटोले और जयंत पाटिल ने कथित वित्तीय कुप्रबंधन के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ने सदन को जानकारी दी कि मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है, जो अभी चल रही है। उन्होंने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, “पुलिस ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की क्योंकि आर्या ने बच्चों को बंधक बना रखा था। भोयर ने स्पष्ट किया कि पुलिस की कार्रवाई में कुछ भी ग़लत नहीं है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जहां जरूरत होगी, जवाबदेही तय की जाएगी।
पंकज भोयर ने आर्या द्वारा किए गए कार्यों पर भी सदन को स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि आर्या ने सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) के तहत दो बार ‘स्वच्छता मॉनिटर’ परियोजना का क्रियान्वयन किया था और उसे 9.90 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
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हालांकि, पंकज भोयर ने कहा कि आर्या ने गलतफहमी में यह मान लिया कि उसे तीसरी परियोजना भी मिल जाएगी और उसने बिना सरकारी मंजूरी के ही पैसे इकट्ठा करना शुरू कर दिया था। सरकार ने उससे वह पैसे वापस करने को कहा था। इससे पहले, राकांपा विधायक जयंत पाटिल ने सवाल उठाया था कि यदि आर्या अवैध रूप से धन एकत्र कर रहा था, तो सरकार ने केवल पत्र जारी करने के बजाय पूर्व में पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई?
आर्या ने 30 अक्टूबर को 10 से 12 साल की उम्र के लड़के-लड़कियों को एक वेब सीरीज के ऑडिशन के लिए पवई स्थित आर ए स्टूडियो में बुलाकर बंधक बना लिया था। तीन घंटे चले प्रकरण के बाद बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन पुलिस कार्रवाई के दौरान गोली लगने से आर्या की मौत हो गई थी।






