महायुति गठबंधन (सौजन्य-एएनआई)
Maharashtra News: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह तय हो गया है कि मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित राज्य के सभी निकायों के चुनाव 31 जनवरी 2026 से पहले हो जाएंगे। इसी पृष्ठभूमि में राज्य के सियासी दलों एवं गठबंधनों में तैयारी चल रही है। सियासी दल बैठक कर रहे हैं और बैठकों में मुख्य नेता अपने सहयोगी नेताओं और पदाधिकारियों के साथ प्रभाव वाले चुनाव क्षेत्र, संभावित उम्मीदवार की समीक्षा कर रहे हैं तो वहीं गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए महापौर पद पर दावा एवं अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी जैसी बयानबाजी भी कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ राज्य की सत्तारूढ़ महायुति में देखने को मिल रहा है।
महाराष्ट्र में जिला परिषद, नगर परिषद, पंचायत समिति और महानगर पालिका के चुनावों की घोषणा नवंबर में होने की संभावना है। इसमें बीएमसी सहित राज्य के सभी नगरपालिका चुनाव जनवरी के अंत तक होने की उम्मीद है। इसी पार्श्वभूमि में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं एवं पदाधिकारियों के साथ चुनाव पर मंथन किया। बैठक में शिंदे ने सम्मानजनक सीट बंटवारा तथा जहां जिसकी जीत संभव या प्रभाव वहां उसका उम्मीदवार वाला फार्मूला अपनाते हुए सीटों के बंटवारे का सुझाव दिया। सूत्रों का ऐसा भी दावा है कि डीसीएम शिंदे ने बैठक में मुंबई और ठाणे में अपने दम पर चुनाव लड़ने पर भी मंथन किया।
डीसीएम शिंदे की शिवसेना की तर्ज पर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की राकां में भी निकाय चुनाव पर मंथन के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। अजीत पवार की राकां में पुणे सहित अपने प्रभाव वाली कुछ अन्य मनपाओं में अपने दम पर चुनाव लड़ने की आम राय जोर पकड़ रही है। इस बारे में अजीत की राकां के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि निकाय चुनाव स्थानीय स्तर के चुनाव हैं। कार्यकर्ता इन चुनावों में लड़ने के इच्छुक होते हैं। बड़े चुनावों में गठबंधन संभव होता है। लेकिन कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए छोटे चुनावों में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना बेहतर हो सकता है। इससे कार्यकर्ताओं को न्याय मिलेगा।
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उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में पिंपरी चिंचवड़ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हर पार्टी को आगे बढ़ने का अधिकार है। पहले जब हम विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) में थे तब भी हम निकाय चुनाव स्वतंत्र ही लड़े थे। इसमें बाद में जरूरत पड़ने पर हम साथ सकते हैं। अपने स्तर पर अपनी ताकत बढ़ाने का अधिकार सभी को है। सभी लोग अपने-अपने तरीके से अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। जहां संभव हो, वहां गठबंधन किया जाएगा, लेकिन जहां संभव न है, वहां स्वतंत्र रूप से लड़ने के लिए तैयार रहें।