एकनाथ शिंदे (pic credit; social media)
Navi Mumbai Elections: नवी मुंबई में होने वाले महानगरपालिका चुनाव से पहले सियासी तापमान चढ़ गया है। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच अब सीधे टकराव की नौबत आती दिख रही है। रविवार को वाशी के सिडको प्रदर्शनी केंद्र में वन मंत्री गणेश नाईक की अध्यक्षता में हुई बैठक ने चुनावी समर का पूरा माहौल बना दिया।
बैठक में भाजपा के पूर्व नगरसेवकों ने मनपा प्रशासन और अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा। उनका आरोप था कि नवी मुंबई महानगरपालिका में सिर्फ शिवसेना शिंदे गुट के पूर्व नगरसेवकों के काम हो रहे हैं, जबकि भाजपा के कामों को अटकाया जा रहा है। पूर्व नगरसेवकों ने साफ कहा कि अधिकारी उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दबाव में काम कर रहे हैं और भाजपा के साथ नाइंसाफी की जा रही है।
बैठक में पूर्व नगरसेवकों का गुस्सा खुलकर सामने आया। उन्होंने वन मंत्री गणेश नाईक से कहा कि अगर यही हाल रहा तो भाजपा को मनपा चुनाव अकेले लड़ना चाहिए। कई नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि अब हमें गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है।
यही नहीं, भाजपा के पूर्व नगरसेवकों ने आठ दिनों के भीतर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर इस मुद्दे की शिकायत करने का भी ऐलान किया है। उनका कहना है कि अगर हमारी आवाज को गंभीरता से नहीं लिया गया तो हम सड़क पर उतरकर मनपा प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
इस बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि नवी मुंबई में भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट के बीच संबंधों में दरार और गहरी हो गई है। भाजपा के पूर्व नगरसेवकों ने साफ संदेश दिया है कि वे ‘एकला चलो रे’ के रास्ते पर हैं और अब अपने दम पर मैदान में उतरेंगे।
वहीं, शिवसेना शिंदे गुट भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। हाल ही में सांसद नरेश म्हस्के ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि हमारी प्राथमिकता गठबंधन है, लेकिन जो अलग लड़ना चाहते हैं, वे लड़ें।
अब देखना यह है कि नवी मुंबई मनपा चुनाव में भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट साथ आते हैं या फिर अलग-अलग मैदान में उतरकर सीधी जंग छेड़ते हैं। इतना तय है कि आने वाले हफ्तों में नवी मुंबई का राजनीतिक माहौल और गरमाने वाला है।