
महिला आयोग के काम को सरकार का पूर्ण समर्थन
Maharashtra Government: महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के मार्गदर्शन कार्यक्रम ‘सक्षमा’ का शनिवार को नागपुर स्थित वनामती सभागृह में भव्य शुभारंभ हुआ। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि महिला आयोग के कार्यों को सरकार का पूर्ण समर्थन प्राप्त है और महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डीकर समेत विधायक और विधान परिषद सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि “जहां अन्याय है, वहां महिला आयोग दृढ़ता से खड़ा है। महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र ‘लाडली बहनों’ का प्रदेश है और उन्हें न्याय दिलाना सरकार की पहली जिम्मेदारी है।” उन्होंने वचन दिया कि महिला आयोग द्वारा भेजे गए किसी भी प्रस्ताव को कैबिनेट में प्राथमिकता से मंजूरी दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण योजनाओं की सराहना करते हुए शिंदे ने कहा कि ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण का नया अध्याय है।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “देश में महिलाओं को देवी कहा जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। आम महिलाओं तक कानूनों की सही जानकारी पहुंचाना आज सबसे बड़ी जरूरत है।”उन्होंने पुलिस, न्यायिक व्यवस्था और महिला आयोग के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया।
विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने बताया कि भारतीय न्याय प्रणाली में सुधारों के कारण महिलाओं से जुड़े अपराधों में दोषसिद्धि दर पहले के 3-4% से बढ़कर 40-45% तक पहुंची है। लेकिन उन्होंने कहा कि “यात्रा अभी जारी है और हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है।”
उन्होंने कहा कि “हमारी लड़ाई पुरुषों के खिलाफ नहीं, बल्कि गलत पुरुष वर्चस्ववादी मानसिकता के खिलाफ है।”
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महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि राज्य ने चौथी महिला नीति लागू की है और बच्चों के नाम में माता का नाम शामिल करने का निर्णय महिलाओं के सम्मान को मजबूती देता है।
कार्यक्रम में POSH Act 2013 पर आधारित पोस्टर का अनावरण किया गया तथा विशेषज्ञों ने साइबर सुरक्षा और यौन उत्पीड़न रोकथाम कानूनों पर मार्गदर्शन दिया।
इस अवसर पर विधायकों, अधिकारियों, छात्र-छात्राओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और महिला कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।






