(कॉन्सेप्ट फोटो)
मुंबई: मराठा समाज और उनके सगे-सोयरे (संबंधियों) को ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग को लेकर मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने अंतरवाली सराटी में 6वीं बार अनशन शुरू किया है। शुक्रवार को उनके अनशन का चौथा दिन था। इन 4 दिनों में पेट में अन्न का एक भी दाना न जाने से जरांगे की तबीयत बिगड़ गई। उनके शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने गई है। मनोज जरांगे को चलने-फिरने में परेशानी होने लगी। उनकी जांच करने आए डॉक्टर ने उन्हें बार-बार न अनशन करने की कड़ी चेतावनी दी।
इसी बीच समाज के लिए एक सकारात्मक खबर भी सामने आई हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि हैदराबाद गजट शिंदे समिति को सौंप दिया गया है तथा मराठा आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले भी सरकार वापस लेने वाली है।
मनोज जरांगे, राज्य सरकार से हैदराबाद, बॉम्बे और सातारा गजट लागू करके मराठा आरक्षण से संबंधित अधिसूचना लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिंदे पहले ही कह चुके हैं कि हैदराबाद गजट, सगे-सोयरे के संबंध में सरकारी निर्णय (जीआर) जारी करने का काम चल रहा है। अब मंत्री शंभूराज देसाई ने सोमवार को मंत्रालय में हुई बैठक के बाद कहा कि बैठक में समाज की मांगों पर भी चर्चा की गई।
यह भी पढ़ें:– नाना पटोले ने PM मोदी पर लगाया बड़ा आराेप, बोले- अमरावती के PM MITRA पार्क को ले जाएंगे गुजरात
मराठा आरक्षण के लिए गठित सुधाकर शिंदे समिति की प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी से लोगों से चर्चा हुई है। मनोज जरांगे की मांग के अनुरूप हैदराबाद संस्थान से संबंधित दस्तावेज लाए गए हैं। इस पर काम किया जा रहा है। कानून एवं न्याय विभाग की सलाह तथा जरूरत के अनुसार वकीलों की राय से मसौदे पर काम किया जा रहा है।
अब तक मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुल 616 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 540 मामलों में आरोप पत्र दायर किया गया है। तो 28 अपराध वापस ले लिए गए हैं। इसके साथ ही देसाई ने कहा कि 222 अपराधों को वापस लेने की सिफारिश की गई है।
दूसरी ओर मनोज जरांगे की भूख हड़ताल के समर्थन में समुदाय के सदस्यों ने शनिवार को बीड जिला बंद का आव्हान किया है। मनोज जरांगे की तबीयत बिगड़ रही है। इसलिए बंद शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा। मराठा समाज की ओर से ऐसी अपील की गई है कि सभी लोग बंद के लिए सहयोग करें।
यह भी पढ़ें:– बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दिया बड़ा झटका, IT नियमों में बदलाव को बताया असंवैधानिक
इसी बीच मराठा समुदाय के दो अलग-अलग संगठनों में बड़ी फूट पड़ती दिख रही है। दरअसल, सकल मराठा समाज ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को कार्यक्रम पांव नहीं रखने देने की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी पर मराठा क्रांति मोर्चा ने आक्रामक ढंग से विरोध करते हुए कहा कि आप लोग सीएम शिंदे को पांव नहीं रखने दोगे या आपके पैर नहीं रहेंगे? यह वक्त बताएगा।
मराठा क्रांति मोर्चा के अमोल शिंदे ने कहा कि सीएम शिंदे के कार्यक्रम को बाधित करने के मराठा समुदाय के स्वयंभू समन्वयक माउली पवार के आव्हान का हम विरोध करते हैं। शिंदे ने कहा कि माउली पवार लोकसभा में महाविकास अघाड़ी से लिए गए कॉन्ट्रैक्ट को क्रियान्वित कर रहे हैं।