लाडकी बहीन योजना (प्रतीकात्मक फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर बनीं ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ (लाडकी बहन) योजना की लाभार्थी महिलाओं की 8वीं किस्त का इंतजार कर रही लाभार्थी महिलाओं के लिए एक बुरी खबर है। राज्य सरकार की तिजोरी पर बोझ बढ़ाने वाली लाडकी बहन योजना का दुरुपयोग रोकने तथा योग्य लाभार्थी को ही योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने अब एक नई योजना बनाई।
जिसके तहत लाभार्थी महिलाओं को हर साल एक जून से 1 जुलाई के बीच ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं लाभार्थी महिलाओं की पात्रता की पड़ताल के लिए सरकार ने आयकर विभाग की भी मदद लेने का निर्णय लिया है। लेकिन सरकार के इस प्लान को लोग लाभार्थी महिलाओं की संख्या कम करने की साजिश करार दे रहे हैं।
लाडकी बहन योजना से पहले ही पांच लाख महिलाओं की पात्रता खत्म कर दी गई है। फिर भी राज्य में लगभग 2 करोड़ से अधिक महिलाएं लाडकी बहन योजना का लाभ ले रही हैं। लेकिन अब लाभार्थी महिलाओं की संख्या बहुत जल्द घटकर आधी हो सकती है। क्योंकि सरकार ने सालाना ढाई लाख रुपए से अधिक आय वाले परिवारों की लाभार्थी महिलाओं को योजना से बाहर निकालने के लिए फूल प्रूफ योजना बनाई है। इसके लिए सरकार बैंकों के साथ-साथ आयकर विभाग की भी मदद ले रही है। आशा वर्कर एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद से सरकार ने पहले ही लाडकी बहनों की पात्रता की जांच शुरू कर दी है।
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इसी बीच उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। शनिवार को जालना जिले के परतूर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेश जेथलिया के राकां (अजित पवार) में प्रवेश के मौके पर अजित ने कहा कि लाडकी बहनों को योजना की आठवीं किस्त के पैसों के भुगतान के लिए कल ही मैंने 3,500 करोड़ रुपए के चेक पर हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 8 दिनों में लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में 8वीं किस्त पैसा आ जाएगा।