रायगढ़ जिला परिषद (pic credit; social media)
Raigarh News: रायगढ़ जिले में जिला परिषद अध्यक्ष पद के आरक्षण की घोषणा होते ही राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। यह पद इस बार सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। पिछले कुछ दिनों से यह सवाल सबसे बड़ा था कि अध्यक्ष पद किस वर्ग को मिलेगा। अब स्पष्ट हो जाने के बाद सभी प्रमुख दलों के नेताओं में जोश दिखने लगा है। खासतौर से वे नेता जिन्हें पिछली बार आरक्षण की वजह से मौका नहीं मिला था, अब सक्रिय होकर तैयारी में जुट गए हैं।
रायगढ़ जिला परिषद चुनाव में भाजपा, शिंदे गट, ठाकरे गट, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गट और अजित पवार गट) और कांग्रेस के कार्यकर्ता सक्रिय हैं। सामान्य वर्ग के लिए पद आरक्षित होने से सभी दलों में मजबूत उम्मीदवार उतारने की होड़ शुरू हो गई है। आने वाले समय में दलों के भीतर भी खींचतान और रणनीतिक बैठकों की रफ्तार तेज होगी।
रायगढ़ जिला राजनीतिक रूप से संवेदनशील और दिग्गज नेताओं का गढ़ माना जाता है। यहां ZP अध्यक्ष पद को प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है क्योंकि विकास योजनाओं की दिशा और क्रियान्वयन इसी पद के जरिए तय होता है। ऐसे में यह चुनाव केवल सत्ता का सवाल नहीं बल्कि आने वाले राजनीतिक समीकरणों का भी संकेत देगा।
ताजा आरक्षण लॉटरी के अनुसार, ठाणे जिले में अध्यक्ष पद सामान्य (महिला) वर्ग के लिए आरक्षित है। पुणे जिले में भी यह पद सामान्य वर्ग को मिला है। सातारा में पिछड़ा वर्ग (महिला), रत्नागिरी में नागरिक पिछड़ा वर्ग (महिला) और पालघर में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए पद आरक्षित घोषित किया गया है।
इसी बीच दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग की बैठक हुई, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने आगामी चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। अब सबकी निगाहें रायगढ़ ZP अध्यक्ष पद पर टिक गई हैं कि सामान्य वर्ग से कौन नेता जीत हासिल करता है और राजनीतिक पासा किस ओर पलटता है।