
सीएम देवेंद्र
Maharashtra News: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहल पर गढ़चिरौली के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का एक नया अध्याय शुरू हुआ है. जन स्वास्थ्य और गैर सरकारी संगठन ‘सर्च’ (सोसाइटी फॉर एजुकेशन, एक्शन एंड रिसर्च) के सहयोग से गढ़चिरौली जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाकर आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य का एक नया मॉडल तैयार किया गया है. अब यहां के सुदूर क्षेत्रों में सीधे मोबाइल मेडिकल यूनिट भेजी जा रही हैं, जन स्वास्थ्य व्यवस्था राज्य के समग्र विकास की नींव है.
महाराष्ट्र सरकार ने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कई नवीन योजनाएं लागू की हैं. इसी पृष्ठभूमि में, मुख्यमंत्री फडणवीस की पहल पर गढ़चिरौली में स्वास्थ्य सेवाएं लोगों के घर-घर पहुंच रही हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में हाल ही में एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सर्च इंस्टीट्यूट में दो दिवसीय प्रशिक्षण लेंगे.
यह महाराष्ट्र में उच्च पदस्थ अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों और आशा कार्यकर्ताओं को एक साथ प्रशिक्षित करने का पहला क्रांतिकारी तरीका बन गया है. यह गांवों में त्रि-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं के क्रियान्वयन का एक अग्रणी उदाहरण है. भविष्य में इस क्षेत्र में आदिवासी संस्कृति के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं के विकास पर भी जोर दिया जाएगा. गढ़चिरौली में शुरू हुआ यह स्वास्थ्य आंदोलन वास्तव में एक स्वास्थ्य क्रांति का नया सवेरा है.
सरकार की ‘मोबाइल मेडिकल यूनिट’ अब उन सुदूर इलाकों तक पहुंच रही है, जहां पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाती थीं. धनोरा तालुका को कभी देश का एक पिछड़ा, नक्सल प्रभावित और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित इलाका माना जाता था. धनोरा तालुका के 70 गांवों के आदिवासी नागरिकों को अब घर बैठे डॉक्टरों से जांच, दवाइयां और इलाज मिल रहा है. इस निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा पहल ने ग्रामीणों के चेहरों पर राहत और आत्मविश्वास की मुस्कान ला दी है. यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग और आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से आदिवासी क्षेत्रों के लिए एक नया स्वास्थ्य सेवा मॉडल तैयार किया गया है.
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‘सर्च’ संस्था की आशा कार्यकर्ताओं को अब नए जोश के साथ काम करने की प्रेरणा मिल रही है. धनोरा तालुका की 181 आशा कार्यकर्ताओं को सर्च विशेषज्ञों द्वारा साल में तीन बार व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है.






