DM Showed Example Of Humanity: कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के जनता दरबार में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग महिला पूनम शर्मा रोते-बिलखते पहुंचीं। उनकी आंखों से बहते आंसू और कांपती आवाज ने पूरे ऑफिस को स्तब्ध कर दिया। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने न केवल उनकी फरियाद सुनी, बल्कि हस्तक्षेप कर मां-बेटे के बीच टूटे रिश्ते को महज दो घंटे में जोड़ दिया। दरअसल, बुजुर्ग महिला ने रोते हुए डीएम जितेंद्र कुमार सिंह को बताया कि उसके बेटे ने उसे घर से निकाल दिया है। बुगुर्ग महिला का दुख सुनकर डीएम ने उन्हें सहारा दिया और उनके बेटे को ऑफिस बुलाया। डीएम ने बेटे को समझाकर मां-बेटे के टूटे रिश्ते को सिर्फ दो घंटे में जोड़ दिया। बेटे ने मां का हाथ थामा और उसे घर ले गया। अगले दिन महिला ने डीएम को दूसरा बेटा कहकर आशीर्वाद दिया। इस घटना ने एक बार फिर से न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता की मिसाल है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि रिश्तों को बचाने के लिए थोड़ी सी मानवीयता काफी होती है।
DM Showed Example Of Humanity: कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के जनता दरबार में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग महिला पूनम शर्मा रोते-बिलखते पहुंचीं। उनकी आंखों से बहते आंसू और कांपती आवाज ने पूरे ऑफिस को स्तब्ध कर दिया। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने न केवल उनकी फरियाद सुनी, बल्कि हस्तक्षेप कर मां-बेटे के बीच टूटे रिश्ते को महज दो घंटे में जोड़ दिया। दरअसल, बुजुर्ग महिला ने रोते हुए डीएम जितेंद्र कुमार सिंह को बताया कि उसके बेटे ने उसे घर से निकाल दिया है। बुगुर्ग महिला का दुख सुनकर डीएम ने उन्हें सहारा दिया और उनके बेटे को ऑफिस बुलाया। डीएम ने बेटे को समझाकर मां-बेटे के टूटे रिश्ते को सिर्फ दो घंटे में जोड़ दिया। बेटे ने मां का हाथ थामा और उसे घर ले गया। अगले दिन महिला ने डीएम को दूसरा बेटा कहकर आशीर्वाद दिया। इस घटना ने एक बार फिर से न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता की मिसाल है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि रिश्तों को बचाने के लिए थोड़ी सी मानवीयता काफी होती है।






