टाटा हॉस्पिटल को बम से उड़ाने की धमकी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी बढ़ते तनाव के बीच मुंबई के प्रतिष्ठित टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी शुक्रवार तड़के एक ईमेल के माध्यम से अस्पताल प्रशासन को भेजी गई, जिससे पूरे स्वास्थ्य संस्थान में हड़कंप मच गया। सूत्रों के मुताबिक, यह ईमेल सुबह करीब 4:30 बजे हॉस्पिटल के आधिकारिक मेल सिस्टम पर प्राप्त हुआ। मेल में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि हॉस्पिटल को बम से उड़ाने की योजना है। चूंकि यह मेल भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही कूटनीतिक और सामरिक तनातनी के समय पर आया है, इसलिए इसे और भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
ईमेल प्राप्त होते ही हॉस्पिटल प्रशासन ने तत्काल आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू कर दिया। मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कुछ वार्डों को खाली कराकर मरीजों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। मुंबई पुलिस और बम निरोधक दस्ता (बीडीएस) तुरंत अस्पताल परिसर में पहुंचा और गहन तलाशी अभियान शुरू किया। अस्पताल के प्रवेश और निकास द्वारों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। वहीं, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और मेटल डिटेक्टर चेकिंग भी तेज कर दी गई है।
मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने धमकी भरे ईमेल की तकनीकी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह मेल कहां से भेजा गया, इसकी लोकेशन ट्रैक की जा रही है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि मेल किसी फर्जी आईडी से भेजा गया है, लेकिन जांच के बाद ही पुष्टि संभव होगी।
मुंबई पुलिस आयुक्त की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि मामले को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषी को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा। “मुंबई शहर की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा,” उन्होंने कहा।
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इस धमकी के बाद अस्पताल के आसपास के क्षेत्रों में भी तनाव का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोग दहशत में हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन लगातार लोगों से संयम और सतर्कता बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने भी इस घटना की जानकारी केंद्र को दी है। ध्यान देने वाली बात है कि बीते कुछ वर्षों में देश के प्रमुख स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थानों को धमकी मिलने की घटनाएं बढ़ी हैं। हालांकि, अधिकतर धमकियां फर्जी साबित हुई हैं, लेकिन हर बार सुरक्षा एजेंसियां इसे गंभीरता से लेकर पूरा सर्च ऑपरेशन चलाती हैं।