
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
BMC Property Auction: बीएमसी की फिक्स्ड डिपोजिट लगातार कम हो रही है, ऐसे में बीएमसी अपना राजस्व बढ़ाने के लिए तरह- तरह का उपाय ढूंढ़ रही है। राजस्व बढ़ाने की दिशा में बीएमसी ने काम करते हुए शहर की 4 संपत्तियों को नीलामी करने का फैसला किया है। यह वह संपत्तियां है जो समय पर अपना प्रॉपर्टी टैक्स (संपत्ति कर) भरने में विफल रही है।
बताया जा रहा है कि 40 वर्षों में पहली बार बीएमसी मुंबई में अपनी चार संपत्तियों की नीलामी करने जा रही है, जिससे कम से कम 120.53 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। यह ऑनलाइन नीलामी 29 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी।
नीलामी में शामिल चार संपत्तियों में चूनाभट्टी स्थित शांतिसदन सीएचएस की भूमि (2,500 वर्गमीटर क्षेत्रफल) शामिल है, जिसकी आरंभिक कीमत 47.09 करोड़ रुपये तय की गई है। दूसरी संपत्ति मुंबई हाउसिंग कमिश्नर की 3,000 वर्गमीटर भूमि है, जिसकी आधार कीमत 37 करोड़ रुपये तय की गई है।
तीसरी संपत्ति दक्षिण मुंबई के कालबादेवी क्षेत्र में स्थित एक निजी मकान और दुकानें हैं, जिसकी आधार कीमत 26.01 करोड़ रुपये (1,648) वर्गमीटर क्षेत्र) रखी गई है। चौथी संपत्ति बोरीवली में स्थित निजी स्वामित्व वाली ‘राजनी बंगला’ है, जिसकी आधार कीमत 10.43 करोड़ रुपये (624 वर्गमीटर क्षेत्र) तय की गई है।
बीएमसी के उपायुक्त विश्वास शंकरवार ने से कहा कि “हमने चारों संपत्तियों की सूची जारी कर सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित कर दिया है। वर्तमान में पंजीकरण प्रक्रिया जारी, है। 29 अक्टूबर को ऑनलाइन नीलामी होगी, जिसमें खरीदार अपनी बोली लगाएंगे।
बीएमसी अपने क्षेत्राधिकार में आने वाली सभी आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाती है। यदि संपत्ति मालिक टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें नोटिस और जुर्माने भेजे जाते हैं। टैक्स न चुकाने की स्थिति में संपत्तियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त कर नीलामी में रखा जाता है।
आखिरी बार बीएमसी ने वर्ष 1984 में संपत्ति की नीलामी की थी, पिछले महीने बीएमसी ने नीलामी प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक बाहरी एजेंसी नियुक्त की थी, अधिकारियों के अनुसार, यदि पर्याप्त बोलीदाता नहीं मिलते हैं, तो पुनः नीलामी की जाएगी। सफल नीलामी के लिए कम से कम तीन बोलियां आवश्यक है।
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अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश संपत्तियां कानूनी विवादों में फंसी थीं क्योंकि उनके कई मालिक थे, उदाहरण के लिए, ‘राजनी हाउस’ के सात मालिक है, जिस कारण कर भुगतान को लेकर विवाद बना रहा। अब यह तय किया गया है कि टैक्स की वसूली नीलामी के माध्यम से की जाएगी और यदि कोई शेष राशि बचेगी तो उसे मालिकों के बीच समान रूप से बांटा जाएगा, नीलामी का आधार मूल्य रेडी रेकनर दरों के अनुसार तय किया गया है।
पिछले कुछ वर्षों में बीएमसी की वित्तीय स्थिति में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, बीएमसी की फिक्स्ड डिपोजिट राशि 2021-22 में 91,690 करोड़ रुपये से घटकर 2024-25 में 79,498 करोड़ रुपये रह गई है, यानी लगभग 12,000 करोड़ रुपये की कमी आई है।
इस साल फरवरी में आयुक्त भूषण गगरानी ने बजट के दौरान राजस्व बढ़ाने के कई उपायों की घोषणा की थी। इसी महीने बीएमसी ने पहली बार 426 आवासीय इकाइयों की बिक्री की घोषणा की थी ताकि राजस्व उत्पन्न किया जा सके। इसके अलावा, बीएमसी ने अपने भूखंड निजी हितधारकों को लीज़ पर देने का निर्णय भी लिया है।






