
भाषा विवाद पर बीजेपी-ठाकरे में ठनी
Mumbai News: प्रवासी उत्तर भारतीयों को लंबे समय से खौफज़दा करने वाला हिंदी-बनाम मराठी भाषा विवाद मुंबई एमएमआर में एक बार फिर गरमाने लगा है। मुंबई की आवासीय इमारतों, कार्यालयों एवं सड़कों से लेकर लोकल ट्रेनों तक पहुंचे इस भाषाई विवाद ने एक मराठी भाषी छात्र की जान ले ली। लोकल ट्रेन से मुलुंड स्थित कॉलेज जा रहे कल्याण निवासी मराठी भाषी छात्र अर्णव खरे को हिंदी बोलने की वजह से कुछ मराठी भाषी यात्रियों ने पीट दिया। इससे आहत छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अब यह मुद्दा मुंबई में राजनीति का विषय बन गया है।
मुंबई महानगरपालिका सहित राज्य के अन्य स्थानीय निकायों के चुनावों की पृष्ठभूमि में हुई अर्णव की आत्महत्या के लिए बीजेपी जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही है, वहीं मनसे और उद्धव ने बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।
अर्णव खरे की आत्महत्या के मामले में बीजेपी की ओर से शनिवार को दादर के शिवाजी पार्क स्थित बालासाहेब ठाकरे के स्मृति स्थल पर साइलेंट प्रोटेस्ट किया गया। बीजेपी मुंबई अध्यक्ष अमित साटम के नेतृत्व में किए गए इस ‘सद्बुद्धि दो’ आंदोलन के दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर उद्धव और राज ठाकरे को सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना की।
साटम ने ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे अपनी मरी हुई राजनीति को फिर से जिंदा करने के लिए समाज में दरार पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां भाषा और क्षेत्र के आधार पर समाज में दरार पैदा करने के लिए गंदी राजनीति कर रही हैं। इसी वजह से अर्णव जैसे निर्दोष की जान चली गई। साटम ने कहा, “ठाकरे की पार्टियों को इंसान को इंसान की तरह समझना चाहिए, यही हमारी मांग है।”

मनसे नेता संदीप देशपांडे ने बीजेपी के आंदोलन पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अर्णव के पिता का कहना है कि उनकी मृत्यु भाषा विवाद के कारण हुई, और मैं इस दावे को नकारता नहीं हूं। लेकिन अभी तक मामले की जांच पूरी नहीं हुई है और पिटाई करने वाले युवक पकड़े नहीं गए हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि अर्णव ने केवल पिटाई के कारण आत्महत्या की या कोई और कारण भी था। उन्होंने पूछा कि जब सभी तथ्य सामने आने बाकी हैं, तो बीजेपी और अमित साटम को आंदोलन करने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी?
संदीप ने आगे कहा कि रोजाना लोकल ट्रेन से गिरकर लोग मरते हैं। महाराष्ट्र भूषण कार्यक्रम में अमित शाह के सामने हुई भगदड़ में लोगों की मौत के दौरान ‘सद्बुद्धि दो’ आंदोलन करना क्यों नहीं सूझा? यदि गुजरात दंगों का मुद्दा उठाना है, तो क्या बीजेपी और उसके नेता आंदोलन करेंगे?
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उद्धव ठाकरे ने कहा कि पालघर में साधु हत्याकांड के आरोपियों को दो दिन पहले बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल किया था। अब सच्चाई सामने आने पर उन्होंने अपना फैसला वापस लिया। उन्होंने कहा कि पाप पर पर्दा डालने के लिए बीजेपी भाषाई क्षेत्रवाद को हवा दे रही है। कोई भी भाषा बोलने वाले पर अत्याचार नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन बीजेपी ने भाषाई क्षेत्रवाद का जहर फैलाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी “फूट डालो, बांटो और राज करो” की नीति अमल में ला रही है।
उद्धव ने कहा, “मागाठाणे में रहने वाला नेता कहता है ‘मराठी मेरी मां है और मां मर भी जाए तो चलेगा’, और घाटकोपर में आरएसएस के जोशी कहते हैं ‘मेरी मातृभाषा गुजराती है’। बीजेपी भाषाई क्षेत्रवाद का जहर फैला रही है।”






