
शिंदे के 35 विधायक नाराज़ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां (अजीत पवार) के गठबंधन वाली महायुति सरकार 2.0 के गठन के समय से शुरू हुआ असंतोष अब चरम पर पहुंच गया है। खासकर स्थानीय निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में महायुति में चल रहे बीजेपी के कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ के कारण उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बीजेपी के बीच के मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं।
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) यूबीटी ने दावा किया है कि शिंदे की शिवसेना के कम से कम 35 विधायक पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं और जल्द ही बीजेपी में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। यूबीटी के मुखपत्र में प्रकाशित इस दावे ने महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से सियासी हलचल तेज कर दी है।
यूबीटी ने शिंदे गुट पर तीखा हमला करते हुए दावा किया है कि बीजेपी अब शिंदे से छुटकारा पाना चाहती है, इसलिए उसे मनाना या महत्व देना बंद कर दिया गया है। यह भी संभावना व्यक्त की गई है कि अगला विधानसभा चुनाव बीजेपी, शिंदे के बिना ही लड़ेगी। यूबीटी का आरोप है कि बीजेपी ने ‘ऑपरेशन लोटस’ के जरिए शिवसेना (शिंदे गुट) तैयार की थी और अब उसी तर्ज पर उसे खत्म करने की भी तैयारी शुरू हो गई है।
ठाकरे गुट का कहना है कि “बीजेपी ने बालासाहेब ठाकरे की मूल शिवसेना तोड़ने की साजिश रची थी और शिंदे उस साजिश के सूत्रधार थे।” “अब दूसरे ‘ऑपरेशन लोटस’ में निशाना शिंदे गुट पर ही साधा गया है।” “शिंदे की पार्टी बुलबुले की तरह है। जिस तलवार से शिंदे ने शिवसेना तोड़ी, अब उसी तलवार से उन पर वार किया जा रहा है।”
यूबीटी ने आरोप लगाया कि शिंदे के आसपास ठेकेदारों की सेना है और लोग “गुड़ की डली पर चींटियों की तरह” उनसे जुड़े हुए थे। दावा किया गया कि बीजेपी के मंत्री रविंद्र चव्हाण ने शिंदे से बड़ी “गुड़ की डली” रख दी, जिसके बाद शिंदे के समर्थक उनके पक्ष में चले गए।
इसके बाद शिंदे शिकायत लेकर अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे कि “चव्हाण पैसे देकर हमारे लोगों को तोड़ रहे हैं”, जिस पर शाह हंसी नहीं रोक पाए — ऐसा दावा यूबीटी ने किया है।
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यूबीटी ने आगे कहा कि “भारतीय जनता पार्टी साजिश और षड्यंत्र रचने वाली पार्टी है। जिस तरह उन्होंने पार्टियां तोड़ीं, अब वे घर तोड़ने में लगे हैं। लेकिन जिन्होंने हमें छोड़ा था, वे अब वापस आने लगे हैं। लोगों को समझ आने लगा है कि बीजेपी और गद्दार कितने ढोंगी हैं। यह लड़ाई आसान नहीं है।आँखें खुली रखकर चारों तरफ देखना होगा।”






