राजस्थान के टोंक जिले में SIR (मतदाता सूची पुनरीक्षण) अभियान के दौरान एक अनोखा वाकया सामने आया। बीएलओ रतन लाल जाट जब फॉर्म भरवाने के लिए ककराज खुर्द गांव के एक खेत में पहुंचे, तो किसान ने काम का हवाला देकर फॉर्म भरने से मना कर दिया। किसान ने कहा, “कागज उठाकर आ गए, हमारी रोजी इससे नहीं चलती।” इस पर बीएलओ ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद गैंती (फावड़ा) उठा ली और सड़क खुदाई में किसान का हाथ बटाने लगे। बीएलओ ने शर्त रखी, “मैं तुम्हारा काम कर देता हूं, तुम मेरा सरकारी काम कर दो।” जहां देश भर में SIR के दबाव के चलते बीएलओ की आत्महत्या और मौत की खबरें (गुजरात, बंगाल, केरल) आ रही हैं, वहीं रतन लाल ने 900 में से 800 फॉर्म भरकर एक अलग मिसाल पेश की है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
राजस्थान के टोंक जिले में SIR (मतदाता सूची पुनरीक्षण) अभियान के दौरान एक अनोखा वाकया सामने आया। बीएलओ रतन लाल जाट जब फॉर्म भरवाने के लिए ककराज खुर्द गांव के एक खेत में पहुंचे, तो किसान ने काम का हवाला देकर फॉर्म भरने से मना कर दिया। किसान ने कहा, “कागज उठाकर आ गए, हमारी रोजी इससे नहीं चलती।” इस पर बीएलओ ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद गैंती (फावड़ा) उठा ली और सड़क खुदाई में किसान का हाथ बटाने लगे। बीएलओ ने शर्त रखी, “मैं तुम्हारा काम कर देता हूं, तुम मेरा सरकारी काम कर दो।” जहां देश भर में SIR के दबाव के चलते बीएलओ की आत्महत्या और मौत की खबरें (गुजरात, बंगाल, केरल) आ रही हैं, वहीं रतन लाल ने 900 में से 800 फॉर्म भरकर एक अलग मिसाल पेश की है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।






