बड़ी गणेश मूर्तियों पर होगा फैसला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: पीओपी मूर्तियों पर लगी पाबंदी हटा दी गई है। सांस्कृतिक कार्य मंत्री एडवोकेट आशिष शेलार ने आश्वासन दिया है कि अब बड़े गणेश मूर्तियों के समुद्र में विसर्जन को लेकर भी सरकार 30 जून तक अपनी स्थिति न्यायालय में प्रस्तुत करेगी। परेल के शिरोडकर सभागृह में अखिल सार्वजनिक गणेशोत्सव महासंघ, महाराष्ट्र राज्य श्री गणेश मूर्तिकार कामगार संघटना, अखिल सार्वजनिक उत्सव समिति, सार्वजनिक उत्सव समिति, मुंबई द्वारा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों और गणेश भक्तों का एक भव्य सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इस सम्मेलन का मार्गदर्शन एडवोकेट शेलार ने किया। इस मौके पर विधायक कालिदास कोलंबकर, संजय उपाध्याय, पूर्व विधायक मधु चव्हाण, अखिल सार्वजनिक गणेशोत्सव महासंघ के अध्यक्ष जयेंद्र सालगावकर, कार्याध्यक्ष सुहास आडिवरेकर, प्रमुख कार्यवाह सुरेश सरनोबत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
पिछले कई वर्षों से हिंदुत्व के प्रतीक सार्वजनिक गणेशोत्सव को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। एडवोकेट शेलार ने आरोप लगाया कि यह षड्यंत्र कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (ठाकरे गुट) द्वारा मिलकर बनाया गया है, जिसे उन्होंने शहरी नक्सलवाद का एजेंडा बताया। यह विवाद 2003 में शुरू हुआ, जब एक याचिका दायर की गई जिसमें प्राकृतिक जलस्रोतों पर हिंदू धर्म के अनुष्ठानों को रोकने की मांग की गई थी।
तत्कालीन सरकार ने इस याचिका का विरोध नहीं किया, जिससे यह मुद्दा बड़ा संघर्ष बन गया। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए, जिनका भी विरोध हुआ। इसके बाद यह मामला राष्ट्रीय हरित लवाद तक गया, जिसने याचिका खारिज कर दी। फिर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2020 में कुछ दिशानिर्देश जारी किए, जिनका हवाला देकर तत्कालीन सरकार और विशेष रूप से मुंबई महापालिका ने पीओपी मूर्तियों पर पाबंदी लगाना शुरू किया।
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आदित्य ठाकरे ने 2018 के मुंबई महापालिका बजट में पीओपी पर पाबंदी लगाई और शाडू मिट्टी को प्रोत्साहन देने के लिए प्रावधान किया। एडवोकेट शेलार ने इसे शहरी नक्सलवाद का एजेंडा बताते हुए कहा कि आदित्य की यह हिंदुत्व विरोधी नीति है। उन्होंने आरोप लगाया कि पर्दे के पीछे लगभग 600 करोड़ रुपये का मूर्तिकार व्यवसाय और पूजा सामग्री, मंडप अन्य सहित कुल लगभग 25,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक गणेशोत्सव व्यापार को बंद करने की यहां साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आधी जीत ली गई है और अब बड़े गणेश मूर्तियों के संबंध में सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने आगे कहा सरकार कानून के दायरे में रहते हुए इस मुद्दे पर 30 जून तक अपनी स्थिति न्यायालय में प्रस्तुत करेगी।