मुंबई की बैठक में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते गृहमंत्री अमित शाह (नवभारत फोटो)
मुंबई: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा शासनकाल सहयोगी दलों की बैसाखी पर टिका है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने वर्ष 2029 के लिए अपना एजेंडा सेट कर लिया है। बीजेपी 2029 में अपने दम पर सरकार बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इसका खुलासा बीजेपी में दूसरे सबसे बड़े नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया।
मुंबई दौरे पर आए शाह ने मंगलवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के दौरान 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया। उन्होंने विश्वास के साथ दावा किया कि 2024 में महायुति की ही सरकार आएगी लेकिन हमें 2029 में अपने दम पर सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ काम करना है।
दादर के स्वामी नारायण मंदिर स्थित एक हॉल में आयोजित बीजेपी की बैठक में अमित शाह ने कहा कि मैं एक कार्यकर्ता से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक पहुंचा। इसलिए जब मैं कार्यकर्ताओं से बातचीत करता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है। मेरे अनुभव रहा है कि इस देश में कुछ चुनाव राजनीति की दिशा तय करते हैं।
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महाराष्ट्र चुनाव देश की राजनीति की दिशा और दशा बदल देगा। 60 वर्षों में किसी भी राजनीतिक दल ने लगातार तीन बार जीत हासिल नहीं की है। 2024 में महायुति की जीत पत्थर लकीर है। महायुति की सरकार आएगी ही। लेकिन अपने भाषण के दौरान शाह ने 2029 में अपने दम पर बीजेपी सरकार बनाने की मंशा को दो बार उजागर किया।
महाराष्ट्रात जिथे एकीकडे MVA लांगूलचालनाच्या सर्व मर्यादा ओलांडण्याचा विक्रम रचत आहे, तिथेच मोदीजींच्या नेतृत्वाखालील राज्यातील NDA सरकार समाजाच्या सर्व स्तरांतील कल्याणासाठी नवे विक्रम रचत आहे. आज मुंबईतील दादरमध्ये मुंबई विभागाच्या बैठकीत कार्यकर्त्यांनी केंद्र व राज्य… pic.twitter.com/fVUN5SEUCE
— Amit Shah (@AmitShah) October 1, 2024
सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि अमित शाह ने अपने भाषण शुरू करने से पहले कार्यकर्ताओं को डांट लगाते हुए अपने भाषण की वीडियो बनाने से मना कर दिया। बाद में उन्होंने कहा कि काम करते समय वाद-विवाद होते रहते हैं, लेकिन उनका अंत होना चाहिए। जिस संगठन में मतभेद होते हैं, कार्यकर्ता अलग-अलग दिशाओं में काम करते हैं, वह कभी सफल नहीं होता। इसलिए हमें चुनाव से पहले अपने मतभेदों को दूर करना होगा।
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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि लोकसभा में जब हम केवल 2 सीटें जीते थे, उस समय भी एक भी कार्यकर्ता ने हमारी पार्टी नहीं छोड़ी, यह हमारा इतिहास है। 80 के दशक के कार्यकर्ताओं को पता था कि वे चुनाव हारने वाले हैं। फिर भी परवाह नहीं की। हम श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए राजनीति में आये हैं। प्रधानमंत्री या किसी पद के लिए नहीं। सरकारें आती हैं और जाती हैं। पार्टियां नीतियां और विचार छोड़ देती हैं। हमारी सरकार 10 साल तक चली। लेकिन हमने विचार या नीति नहीं छोड़ी है।
अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि राहुल गांधी ने कितने चुनाव जीते हैं? उन्होंने आगे कहा कि एक परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र को 85 प्रतिशत अंक मिले तो वह निराश था लेकिन 20 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र को 30 प्रतिशत अंक मिले तो वह गांव में मिठाई बांटने लगे। यह मूर्खता है। हमारी सरकार बन रही है। इसलिए निराशा को त्याग कर नए जोश के साथ काम में जुट जाएं।