आदित्य ठाकरे और राज ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा शिवसेना (उद्धव गुट) और मनसे के संभावित एकीकरण को लेकर दिए गए संकेतों के बाद से ही दोनों दलों के गठबंधन को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। राज के इस इशारे पर शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक रुख दिखाया था। अब उद्धव के बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे ने भी मनसे को सहयोग का संकेत दिया है।
आदित्य ने कहा कि महाराष्ट्र के हित के लिए हम किसी भी पार्टी के साथ आने को तैयार हैं, इसी वजह से हमने मनसे को आमंत्रण दिया है। उनके इस बयान के साथ ही यूबीटी के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे सांसद संजय राउत, विधायक अनिल परब, अंबादास दानवे और सुनील प्रभू ने भी बार-बार इस संभावित गठबंधन को लेकर सकारात्मक रुख जाहिर किया है।
हालांकि, मनसे की दूसरी पंक्ति के नेताओं में इस गठबंधन को लेकर सहमति नहीं दिखाई दे रही है। आदित्य ने कहा कि हमने अपनी ओर से प्रतिक्रिया दी है। हमने अपनी भावना व्यक्त की है। मराठी लोगों और महाराष्ट्र के हित के लिए जो भी हमारे साथ आने को तैयार होगा, हम उसे साथ लेकर महाराष्ट्र के लिए लड़ते रहेंगे।
हाल ही में हमारे नेता दीपेश म्हात्रे और मनसे के नेता राजू पाटिल ने मिलकर आंदोलन किया था, जो इसका एक उदाहरण है। जनता के मन की बात हमें मालूम है और हमारा मन भी साफ है। जो भी नेता महाराष्ट्र के हित में हमारे साथ आना चाहेगा, हम उसके साथ एकजुट होकर लड़ेंगे।
शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता और सांसद राउत ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि गठबंधन की चर्चा पर कोई चुप नहीं है। खुद मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इस विषय में अपनी इच्छा जताई है, उनके सहयोगियों ने नहीं। राज ठाकरे की इच्छा पर उनके भाई उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक रुख अपनाया है।
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इसके बाद हम सभी ने भी सही दिशा में कदम उठाए हैं। इसलिए आपके मन की खबर आपको जल्द ही सुनने को मिलेगी। यदि आप चाहें तो मैं इस विषय पर एक विश्लेषणात्मक लेख भी तैयार कर सकता हूं जिसमें दोनों दलों की संभावित मजबूती, चुनौतियां और 2024 के लोकसभा चुनाव पर इसका प्रभाव शामिल हो।