आयुष दोशी
डोंबिवली: लोकल ट्रेन की भीड़ से तो सभी वाकिफ है, लेकिन ये भीड़ तब चिंता का विषय बन जाती है जब इसी भीड़ के कारण किसी के मौत की खबर आती है और ये ही लोकल ट्रेन की भीड़ किसी का भविष्य और घर उजाड़ देती है। डोंबिवली इलाके में ऐसी ही एक दुखदायक घटना सामने आयी है, जिसके चलते डोंबिवली में रहने वाले लोगों में भी असंतोष फैल गया है।
भीड़ के कारण चलती लोकल से गिरकर एक छात्र की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की घटना सामने आई है। यह घटना मंगलवार सुबह करीब 8:30 बजे की है। इस युवक का नाम आयुष दोशी है और आयुष की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, इस साल भीड़भाड़ के कारण कई युवाओं की मौत होने से डोंबिवली के नागरिक काफी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
डोंबिवली पश्चिम के ठाकुरवाड़ी इलाके में मधुकुंज बिल्डिंग का रहने वाला 20 वर्षीय आयुष मुलुंड के एक कॉलेज का छात्र था और डिप्लोमा कर रहा था। मंगलवार को आयुष रोजाना की तरह डोंबिवली रेलवे स्टेशन पहुंचा और मुंबई जाने वाली 8:15 की लोकल पकड़ी। भीड़ अधिक होने से डोंबिवली और कोपर के बीच वह लोकल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया।
दुर्भाग्य से आयुष की अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही मौत हो गई, परिवार में पिता जिग्नेश, मां अनीता और एक भाई खुशाल है, आयुष की मौत के बाद दोशी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
इस साल डोंबिवली में भीड़ अधिक होने के कारण ट्रेन में गिरकर कई यात्रियों की मौत हो चुकी है, कुछ दिन पहले दुबे नाम के युवक की मौत हो गई थी, अब आयुष की मौत के बाद डोंबिवलीकरो में काफी नाराजगी है।
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : चुनावी मंथन शुरु, इतने सीटों पर बीजेपी लड़ सकती है चुनाव
मौत की खबर मिलते ही डोंबिवली के पूर्व नगरसेवक दीपेश म्हात्रे आयुष के घर गए, इस मौके पर दीपेश म्हात्रे ने सवाल उठाया कि रेलवे कितने और डोंबिवलीकरों की जान लेगी, क्योंकि डोंबिवली और मुंब्रा के बीच हर दिन दो दुर्घटनाएं होती हैं।
रेलवे यात्री संघ की ओर से लगातार ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है। उनके द्वारा मांग की जा रही है कि रेलवे हादसों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए। लेकिन रेलवे की ओर से इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे यात्रियों में काफी नाराजगी है।
रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में 171, फरवरी में 152, मार्च में 165, अप्रैल में 179, मई में 182, जून में 135 और जुलाई में 177 यात्रियों की जान गई हैं। इन आंकड़ों में रेलवे प्लेटफॉर्म या फुटब्रिज पर पैदल चलने वाले यात्रियों की मौत भी दर्ज की जाती है।
यात्रियों का कहना है कि हर दिन इस तरह से कम से कम 6 यात्रियों की मौत हो जाती है और यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। इस हादसे में मरने वाले व्यक्ति के परिजनों की ओर से मांग की गई है कि रेलवे इन ट्रेन दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए और तबाह हुए परिवारों को बचाए।
यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी काे फडणवीस का भरोसा, मोदी-शाह देंगे बूस्टर डोज