मुबंई पुलिस ने साइबर फ्रॉड का किया पर्दाफाश
मुंबई : जुहू पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार की सबसे पॉल्युलर लाडकी बहिन योजना का नाम इस्तेमाल कर सैकड़ों महिलाओं के अकाउंट खुलवाए और फिर उन अकाउंट्स को साइबर ठगों और अवैध रूप से ट्रेडिंग करने वालों को बेच दिया।
इस मामले के जांच अधिकारी शरद लांडगे ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि लाडकी बहिन योजना के नाम पर अकाउंट्स खोले गये हैं और अकाउंट के बदले एक हजार रुपये दे रहे हैं। जानकारी मिलते ही पुलिस नेहरू नगर गई और लोगों के अकाउंट्स खोल रहे अविनाश काम्बले को पकड़ा और पुलिस स्टेशन लाकर उससे पूछताछ की।
ऐसे कर रहा था फ्रॉड
पूछताछ में काम्बले ने बताया कि वो विरार का रहने वाला है और आठवीं तक पढ़ाई की है। काम्बले ने फूड डिलीवरी का काम करता है। इसी दौरान उसकी मुलाकात रितेश जोशी नाम के शख्स से हुई जिसने उसे बताया कि उसे लोगों के अकाउंट्स खोलने है। जिसके लिए उसे प्रति बैंक अकाउंट 5 हजार रुपये मिलेंगे। उस 5 हजार रुपये में से एक हजार रुपये वो उन्हें देता था जिनके नाम पर अकाउंट खोला जाता था।
आरोपी ने आगे बताया कि उसने खुद के नाम से 13 बैंक में अकाउंट्स खुलवाए हैं उसमें से 3 अकाउंट्स का ही इस्तेमाल वो खुद करता है। उसने बाकी 10 अकाउंट्स बेच दिया इसी तरह किसी और को बेच दिए हैं। काम्बले के बयान के आधार पर पुलिस ने रितेश की पत्नी फाल्गुनी को और काम्बले की प्रेमिका श्रुति राउत को गिरफ्तार कर लिया।
पत्नी की गिरफ्तारी की बात का पता चलते ही रितेश कहीं फरार हो गया। फिलहाल पुलिस उसकी और उसके 2 अन्य साथियों की तलाश में है।लांडगे ने बताया कि जांच के दौरान अब तक उन्होंने पिछले पांच महीने में खोले गए बैंक अकाउंट्स की जानकारी निकाली और 104 बैंक अकाउंट्स को फ्रिज किया जिसमें उन्हें 19 लाख 43 हजार रुपये मौजूद थे।
एक साल से कर रहे थे ठगी का काम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच में पता चला कि आरोपी पिछले एक साल से ज्यादा समय से झुग्गी झोपड़ियों में जाकर लाडकी बहिन योजना के नाम पर लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाया करते थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अबतक उन्होंने करीबन 1000 बैंक अकाउंट्स खुलवाए होंगे।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में जिन अकाउंट्स की डिटेल दी उसके मुताबिक सिर्फ फरवरी के महीने में उन्होंने यस बैंक में 10 अकाउंट्स खोले थे जिसमें उन्हें 7 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन दिखाई दिए हैं। लेकिन जब पुलिस करवाई करने गए तो उस अकाउंट में महज 3-4 लाख ही बचे थे जिसे फ्रीज कर दिया गया है।
शरद लांडगे ने बताया कि अवैध रूप से ट्रेडिंग करने के लिए आरोपी उन बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करते थे और सरकार को बिना टेक्स दिए ट्रेडिंग में कमाए पैसों को उन अकाउंट्स से निकाल लेते थे। आगे चलकर इनकम टैक्स की नोटिस आती भी है तो वो उस महिला को आती है जिसके नाम पर बैंक अकाउंट खोले गए थे।
100 करोड़ की हेरा फेरी
पुलिस को प्राथमिक रूप से इस मामले में अब तक कि जांच में समझ में आ रहा है कि आरोपियों ने इन अकाउंट्स का इस्तेमाल कर करीबन 100 करोड़ रुपये की हेरा फेरी की है। एक अधिकारी ने बताया कि बैंक अकाउंट्स खोलने के लिए कई पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशनकार्ड , फॉर्म 60, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज की आवश्यकता होती है। लेकिन आरोपी जानबूझकर कई बार पेन कार्ड का इस्तेमाल ना करते हुए फॉर्म 60 का इस्तेमाल करते है, जिसकी वजह से पुलिस को यह पता लगाने में दिक्कत होती है कि किसी आदमी के नाम पर कितने और कहां कहां अकाउंट्स खोले गए हैं।