
मुंबई ट्रैफिक (प्रतिकात्मक तस्वीर)
दिल्ली, मुंबई,बैंगलोर और कलकत्ता जैसे शहरों में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। इसी के चलते महाराष्ट्र सरकार ने ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत आपको फोर व्हीलर या टू व्हीलर खरीदने से पहले पार्किंग प्रूफ देना होगा।
नए नियम के मुताबिक अगर आपके पास पार्किंग स्पेस नहीं है या फिर इसका कोई सबूत भी नहीं है, तो आप राज्य में कोई भी नई गाड़ी नहीं खरीद सकते हैं। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इसे लेकर कहा कि गाड़ी खरीदने वाले लोगों को नगर निकाय से प्रमाणित पार्किंग स्पेस का सबूत दिखाना अनिवार्य होगा।
महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इस नए नियम को अगले 100 दिनों के अंदर पूरे राज्य में लागू करने की योजना बनाई है। जिसके चलते वाहन खरीदारों को स्थानीय नगर निगम या फिर जो भी संबंधित अथॉरिटी है, उससे पार्किंग सर्टिफिकेट लेना होगा। जिससे यह पता लगाया जा सके कि उनके पास गाड़ी पार्क करने के लिए पर्याप्त स्पेस है या नहीं।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने साफ किया है कि इस सर्टिफिकेट के बिना नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन भी संभव नहीं होगा। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के इस फैसले से मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन जैसे भीड़भाड़ वाली जगहों पर गाड़ियों की बिक्री पर असर पड़ेगा। मुंबई में पार्किंग की जगह काफी सीमित है, ऐसे में यह नियम खरीदारों के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है।
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हाल ही में ट्रैफिक और उससे होने वाली समस्याओं पर नजर रखने वाली टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स ने एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स ने बताया है कि भारत में मुंबई और बैंगलोर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम लगते हैं। टॉमटॉम ने दावा किया है कि अगर इन शहरों में आपको 10 किलोमीटर का सफर करना है, तो 30 से 45 मिनट का टाइम लगता है, जो दूसरे शहरों के मुकाबले बहुत अधिक है।
इसके निजात के लिए महाराष्ट्र सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि जापान जैसे देश में ये नीति सालों से चली आ रही है, जहां लोगों को गाड़ी खरीदने से पहले पार्किंग स्पेस का सर्टिफिकेट दिखान अनिवार्य है।






