मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: बदलापुर में नाबालिग लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण के मद्देनजर राज्य सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को सुरक्षा के कदम उठाने के संबंध में आदेश जारी किए हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि आदेश का पालन न करने पर संचालन की अनुमति रद्द करने जैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
आदेश में कहा गया है कि ‘‘राज्य के सभी निजी स्कूलों को विभाग के नए दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है, जिसके तहत स्कूल परिसर में उचित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है। इसका पालन न करने पर वित्तीय अनुदान रोके जाने या स्कूल के संचालन परमिट को रद्द किए जाने जैसी कार्रवाई की जा सकती है।” आदेश में कहा गया है कि सीसीटीवी फुटेज की सप्ताह में कम से कम तीन बार जांच की जानी चाहिए तथा यदि कोई भी चिंताजनक घटना कैमरे में दर्ज होती है तो पुलिस से संपर्क करना प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी होगी।
वहीं शुक्रवार को महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मंत्री ने हर संभव उपाय किए जाए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
बदलापूर व राज्यातील इतर शाळांमध्ये मुलींवरील अत्याचाराच्या घटना अत्यंत निर्दयी आणि खेददायक आहेत. असे प्रकार घडू नयेत या अनुषंगाने करावयाच्या उपाययोजनांबाबत शिक्षण विभागातील अधिकाऱ्यांची बैठक घेतली. जे जे शक्य ते सर्व उपाय करावेत अशा सूचना या वेळी दिल्या.
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बदलापुर में नाबालिग लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण के मद्देनजर राज्य सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को सुरक्षा के कदम उठाने के संबंध में आदेश जारी किए हैं। मीरा-भाईंदर के स्कूलों द्वारा इन आदेशों का पालन किया जा रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए मनपा के उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी। यह समिति शहर के सभी स्कूलों का निरीक्षण करेगी।
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पिछले कुछ समय से स्कूली छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है, इसलिए राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा और खेल विभाग ने स्कूलों द्वारा उठाए जाने वाले उपायों के संबंध में एक आदेश जारी किया है। आगामी एक माह के अंदर स्कूलों व आसपास के परिसरों में सीसीटीवी लगाना, नियमित अंतराल पर सीसीटीवी फुटेज की जांच करना, स्कूलों में नियमित कर्मचारियों के साथ-साथ बाहरी स्रोतों से या अनुबंध के आधार पर सफाई कर्मचारी, हेल्पर, सुरक्षा गार्ड, बस चालक की नियुक्ति करना शामिल है। उनके चरित्र की जांच करना, विद्यालय में शिकायत पेटी रखना, विद्यालय स्तर पर छात्र सुरक्षा समिति का गठन करना आदि शामिल है।
सभी निजी स्कूलों के लिए यह उपाय करना अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूलों को यह सभी उपाय योजना अगले एक महीने के भीतर पूरे करने होंगे। स्कूलों में मौजूदा सुरक्षा उपायों और राज्य सरकार द्वारा दिए गए आदेशों को स्कूल द्वारा पूरा किया जा रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए मीरा-भाईंदर मनपा ने उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का निर्णय लिया है।
इस समिति में पुलिस विभाग का एक प्रतिनिधि भी शामिल होगा। इस समिति द्वारा मनपा समेत शहर के सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा और पाई गई त्रुटियों को तत्काल सुधारने का निर्देश संबंधित स्कूल को दिया जाएगा।
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मनपा के सभी स्कूलों में सीसीटीवी सिस्टम पहले ही चालू कर दिया गया है। इसके अलावा इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि स्कूल में नियुक्त किए जाने वाले सफाई कर्मचारियों और सुरक्षा गार्डों में अधिकतम संख्या महिलाएं होंगी।
मनपा प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों के दौरान सभी स्थायी और संविदा कर्मचारियों के चरित्र सत्यापन कराने का निर्देश जारी किया था। अब से मनपा स्कूलों में केवल चरित्र सत्यापन कराने वाले कर्मचारियों की ही नियुक्ति की जाएगी।
मीरा-भाईंदर नगर पालिका आयुक्त संजय श्रीपतराव काटकर ने कहा कि मनपा स्कूलों के सभी शिक्षकों के लिए अगले सप्ताह प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इसमें शिक्षकों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे अपनी कक्षा में बच्चों पर कड़ी नजर रखें, साथ ही स्कूल में काम करने वाले स्टाफ पर भी नजर रखें, ताकि बच्चों के आचरण और व्यवहार में होने वाले बदलाव पर नजर रखी जा सके। इसी तरह शिक्षकों को भी विद्यार्थियों को अच्छे और बुरे स्पर्श के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए जाएंगे।