सुप्रीम कोर्ट व बदलापुर यौन शोषण मामले का आरोपी (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: पिछले साल महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था, जिसने ठाणे के साथ-साथ पूरे महाराष्ट्र को हिदा दिया था। इसके बाद बदलापुर एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बदलापुर एनकाउंटर मामले में कथित तौर पर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है।
दरअसल, पिछले साल ठाणे जिले के बदलापुर में स्कूल की नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण का मामला सामने आया था। इसका आरोपी अक्षय शिंदे 23 सितंबर 2024 को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। इस मामले को लेकर अक्षय शिंदे के परिवार की तरफ से बंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई और उन्होंने ठाणे पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया।
हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान प्राथमिक तौर पर इस एनकाउंटर को संदिग्ध मानते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने ठाणे पुलिस कमिश्नर को फटकार लगाते हुए 4 घंटे में इसका जवाब मांगा था।
इस मामले को लेकर राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और ठाणे पुलिस को बड़ी राहत दी। अदालत ने कथित तौर पर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि इसकी जांच की जा सकती है, लेकिन दूसरी एफआईआर दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे पर दो नाबालिग बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। बाद में शिंदे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। जानकारी के मुताबिक, अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से एक अन्य मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ले जाया जा रहा था। इसी दौरान कथित तौर पर उसने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर गोली चला दी थी, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। इसमें वह घायल हो गया था और बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।