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नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को घड़ी चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग को फिलहाल खारिज कर दिया है। एनसीपी (शरद पवार) ने 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव चिन्ह घड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार से शपथ मांगी और कहा कि इसमें वे लिखकर दें कि वे घड़ी चिन्ह के साथ कोर्ट में लंबित डिस्क्लेमर लगाने के आदेश का पालन करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हम उन्हें (अजित पवार) जवाब देने का मौका देंगे। वे हलफनामा भी दें कि भविष्य में हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं होगा। साथ ही यह भी लिखें कि उन्होंने पहले भी ऐसा नहीं किया है।
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“जस्टिस ने कहा, “अजित पवार हलफनामा दें कि वे हमारे 19 मार्च और 4 अप्रैल के आदेशों का पालन कर रहे हैं।” इस मामले में अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी। चुनाव आयोग ने अजित पवार की एनसीपी को असली करार देते हुए उन्हें पार्टी चिन्ह (घड़ी) इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था।
कोर्ट में बहस के दौरान शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “मार्च में हुई सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि हमें भी तुरही का चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाए। अजित पवार को घड़ी के चिन्ह के साथ यह लिखने को कहा गया था कि मामला अभी कोर्ट में लंबित है। उन्होंने इसका ठीक से पालन नहीं किया। लोग शरद पवार के साथ घड़ी के चिन्ह को पहचानते हैं।”
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “उन्होंने (अजित पवार) कोर्ट के आदेश के अनुसार डिस्क्लेमर नहीं लगाया। हमने तस्वीरें कोर्ट में जमा कर दी हैं। अब उन्हें इसके लिए सजा मिलनी चाहिए।” इस पर अजित पवार के वकील बलबीर सिंह ने कहा, “उन्हें कुछ जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। कोर्ट में गलत तस्वीरें पेश की जा रही हैं। एक-दो मामलों में टेंट हाउस मालिक की गलती हो सकती है। इस आधार पर हम पर आरोप नहीं लगाया जा सकता।
बलबीर सिंह ने कहा कि ये तस्वीरें सीधे कोर्ट में रखी गई हैं। हम अचानक इसका जवाब कैसे दे सकते हैं? हमें इस याचिका की कॉपी पहले मिल जानी चाहिए थी। उन्होंने (शरद पवार गुट) लोकसभा चुनाव के दौरान भी यही बात कही थी। कोर्ट ने घड़ी चुनाव चिन्ह हमारे पास रहने दिया। अब इस पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए।” जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने घड़ी चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने की शरद पवार की मांग को खारिज कर दिया।
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