हर्षवर्धन सपकाल व सीएम देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार यानी 18 जुलाई को खत्म हो गया। इससे दो दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड और भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच 16 जुलाई की शाम विधान भवन परिसर में झड़प हो गई। इस घटना को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को राज्य विधानमंडल परिसर में दो विधायकों के समर्थकों के बीच हुई हाथापाई के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया और प्रायश्चित के तौर पर उनके इस्तीफे की मांग की।
हर्षवर्धन सपकाल ने मीडिया से बात करते हुए महायुति सरकार से विशेष लोक सुरक्षा विधेयक पारित करने पर भी सवाल किया। उन्होंने पूछा कि क्या यह कानून बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी लागू होगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड और भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच हुई झड़प को लेकर सपकाल ने कहा कि विधान भवन परिसर में हुई हाथापाई के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस जिम्मेदार हैं। उन्हें प्रायश्चित के तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
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सपकाल ने भाजपा पर विपक्षी सदस्यों को निशाना बनाने के लिए गुंडों और बदमाशों को पालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान जनता ने जो देखा, वह लोकतंत्र का खेल नहीं, बल्कि एक शर्मनाक तमाशा था।
लोग अपने प्रतिनिधियों को किसानों की समस्या, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और फसल बीमा जैसे मुद्दों पर बोलने के लिए विधानमंडल में भेजते हैं। फिर भी, इनमें से किसी पर भी सार्थक चर्चा नहीं हुई। इसके बजाय, सत्र विधान भवन के अंदर एक अभूतपूर्व मारपीट से प्रभावित हुआ।
कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने इस घटना की तुलना डब्ल्यूडब्ल्यूई मैच की। साथ ही लोकतांत्रिक संस्थाओं में ऐसी “हिंसक संस्कृति” लाने के लिए फडणवीस को दोषी ठहराया। सपकाल ने कहा कि भाजपा ने जो बोया है, वही काट रही है। जिस गुंडागर्दी की संस्कृति को उसने बढ़ावा दिया था, वही अब उसके खिलाफ हो रही है। महाराष्ट्र की जनता नाराज है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग इससे बेखबर हैं, क्योंकि वे सत्ता के शिखर पर बैठे हैं।