
3 संतान वाले उम्मीदवार नहीं लड़ पाएंगे चुनाव (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia News: राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों से जुड़ा एक अहम निर्णय जारी किया है। उच्च न्यायालय ने तीसरा बच्चा होने की जानकारी छिपाने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने के आयोग के फैसले को बरकरार रखा है। इस निर्णय के बाद आगामी चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले कई उम्मीदवारों में चिंता का माहौल है। राज्य सरकार ने ‘छोटा परिवार, सुखी परिवार’ नीति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2005 में एक कानून लागू किया था। इसके तहत सितंबर 2001 के बाद दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाला व्यक्ति स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।
चुनाव आयोग के अनुसार, कई उम्मीदवार तीसरे बच्चे की जानकारी छिपाकर चुनाव लड़ रहे थे। इस नियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने भी आयोग के निर्णय को सही ठहराया। अब मुख्य सूचना आयुक्त पांडे ने भी इस फैसले की पुष्टि की है।
मुख्य सूचना आयुक्त पांडे ने जिलाधीशों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी रोकने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस एसओपी के लागू होने के बाद तीसरे बच्चे की जानकारी छिपाने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई करना आसान हो जाएगा।
राज्य चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को भेजे पत्र में इन नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई उम्मीदवार चाहे पुरुष हो या महिला सितंबर 2001 के बाद जन्मे दो से अधिक बच्चों की जानकारी छिपाता है, तो उसे चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाएगा।
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इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि 2001 के बाद तीसरा बच्चा गोद लिया गया हो या अस्पताल के बजाय घर पर जन्मा हो, तो भी संबंधित उम्मीदवार को कानूनन चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना जाएगा।






