
खरीफ मौसम की धान कटाई व मलनी पूरी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia Chili Farming: अर्जुनी मोरगांव तहसील के केशोरी परिसर में किसानों ने बड़े पैमाने पर मिर्च की फसल ली है। इस क्षेत्र में धान के बाद परंपरागत रूप से मिर्च का उत्पादन किया जाता है। केशोरी की लाल मिर्च राज्यभर में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। इस वर्ष मौसम में लगातार हो रहे बदलाव, कीट-रोग और विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए अब फसल अच्छी तरह बढ़ रही है। अक्टूबर माह से ही किसानों ने रोपाई शुरू कर दी थी।
मिर्च अपने तीखेपन और स्वाद के कारण एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है। समय पर उर्वरक, पानी और रोग-प्रतिरोधक उपायों से इसमें बेहतर उत्पादन मिलता है। गर्म और आर्द्र जलवायु मिर्च की वृद्धि के लिए उपयुक्त मानी जाती है। मानसून, गर्मी और सर्दी तीनों मौसमों में इसकी खेती संभव है, लेकिन भारी बारिश पत्तों और फलों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
यदि कीट व रोगों का प्रकोप बढ़ जाए तो फूल झड़ने लगते हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है। मिर्च फसल के लिए 40 इंच से कम बारिश बेहतर मानी जाती है। तापमान 18 से 27 डिग्री सेल्सियस होने पर बीज अंकुरण अच्छा होता है।
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धान जैसी परंपरागत फसलों के साथ किसान इसे नकदी फसल के रूप में अपनाते हैं, जिससे अच्छी आमदनी होती है। बेमौसम बारिश से प्रमुख फसलों को हुआ नुकसान देखते हुए इस बार मिर्च किसानों को राहत की उम्मीद है। अच्छे उत्पादन के साथ इस बार बाजार में उचित मूल्य मिलने की संभावना से किसान उत्साहित हैं।






