धान खरीदी केंद्र (सोर्स: सोशल मीडिया)
Gondia News In Hindi: गोंदिया जिले के हजारों किसानों को रबी सीजन की धान खरीदी का भुगतान अब तक नहीं मिला है। गोंदिया जिला मार्केटिंग फेडरेशन के सरकारी धान खरीदी केंद्रों पर धान बेचने वाले 27,500 से अधिक किसानों का 289 करोड़ रुपये बकाया पड़ा हुआ है। भुगतान में देरी के कारण किसान मजबूरी में उधारी लेकर अपने रोजमर्रा के खर्च पूरे कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, बीते रबी सीजन में 60,278 किसानों ने सरकारी धान खरीदी केंद्रों पर धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 49,772 किसानों ने करीब 20.74 लाख क्विंटल धान की बिक्री की। जिला मार्केटिंग फेडरेशन ने इस धान की कुल 477 करोड़ रुपये की खरीदी की, लेकिन अब तक केवल 233 करोड़ रुपये का ही भुगतान किसानों को मिल पाया है। शेष 289 करोड़ रुपये की राशि तीन महीने से अटकी हुई है।
किसानों का कहना है कि बकाया भुगतान नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। वे खेती-किसानी के साथ-साथ घरेलू खर्च और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी उधार लेने को मजबूर हैं। बैंक और फेडरेशन कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद किसानों को अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
इसी बीच, किसानों के लिए घोषित बोनस की राशि भी अधर में लटकी हुई है। पिछले साल राज्य सरकार ने दो हेक्टेयर तक धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये का बोनस देने की घोषणा की थी। इस योजना में जिले के 1 लाख 30 हजार किसान पात्र थे। हालांकि सरकार ने दो चरणों में कुछ राशि उपलब्ध कराई, लेकिन अब भी 6,448 किसानों को 15.56 करोड़ रुपये की बोनस राशि नहीं मिल पाई है।
यह भी पढ़ें:- PM मोदी के 75वें जन्मदिन पर दौड़ेगा युवा भारत, ‘नमो युवा रन’ का लोगो हुआ जारी
सरकार द्वारा धान खरीदी का उद्देश्य किसानों को समर्थन मूल्य से कम कीमत न मिलना सुनिश्चित करना है। इसके लिए जिला मार्केटिंग फेडरेशन और आदिवासी विकास महामंडल के जरिए खरीदी की जाती है। मगर इस बार भुगतान में देरी ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है।
किसान संगठन अब सरकार से जल्द से जल्द बकाया राशि जारी करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते भुगतान नहीं हुआ, तो आने वाले खरीफ सीजन में किसान बोआई और अन्य कृषि कार्यों के लिए धन की व्यवस्था नहीं कर पाएंगे।