मोबाइल कैंसर स्क्रीनिंग वैन के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी (फोटो नवभारत)
Gondia News in Hindi: कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का समय पर पता लगाने और नागरिकों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए, महाराष्ट्र सरकार ने गोंदिया में एक मोबाइल कैंसर स्क्रीनिंग वैन की शुरुआत की है। इस पहल से अब तक 1,028 लोगों को फायदा मिला है। इस वैन का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जाकर लोगों को मुफ्त जांच की सुविधा देना है, जिससे कैंसर का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके और इलाज शुरू किया जा सके।
जिला सर्जन डॉ. पुरुषोत्तम पटले के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने जिले की सभी आठ तहसीलों के 32 स्वास्थ्य संस्थानों के गांवों में इस वैन के माध्यम से महिलाओं और पुरुषों की मुफ्त जांच की योजना बनाई है। यह वैन एक दिन में 100 से अधिक मरीजों की जांच कर सकती है। इस अत्याधुनिक वैन में कैंसर की जांच के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं:
21 अगस्त से 3 सितंबर तक, इस मोबाइल वैन ने गोंदिया और तिरोड़ा तहसीलों के 9 स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर लगाए हैं। इनमें केटीएस जिला सामान्य अस्पताल, बीजीडब्ल्यू सरकारी महिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रावणवाड़ी, कामठा, भानपुर, एकोड़ी, इंदोरा, बेर्डीपार और सुकड़ी/डाकराम शामिल हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अभिजीत गोल्हार ने बताया कि इन शिविरों में कुल 1,028 लोगों की जांच की गई। इनमें से 677 लोगों की मुख कैंसर, 208 महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा और 143 महिलाओं की स्तन कैंसर की जांच की गई।
यह भी पढ़ें:- मराठा आरक्षण पर OBC संगठन आक्रामक, गोंदिया में सरकारी आदेश को जलाकर किया विरोध
स्वास्थ्य विभाग की योजना के अनुसार, यह वैन अब गोरेगांव तहसील में जांच शिविर लगाएगी। डॉ. अरविंद कुमार वाघमारे ने बताया कि 3 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कवलेवाड़ा में शिविर आयोजित किया गया। इसके बाद, 4 सितंबर को ग्रामीण अस्पताल गोरेगांव, 6 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोनी और 8 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तिल्ली मोहगांव में शिविर लगाए जाएंगे।
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं। यदि किसी मरीज में कैंसर का संदेह होता है, तो उसे तुरंत आगे की जांच के लिए कैंसर अस्पताल भेजा जाएगा। अतिरिक्त जिला सर्जन डॉ. तृप्ति कटरे ने आश्वस्त किया है कि कैंसर की पुष्टि होने पर मरीज का इलाज सरकार द्वारा पूरी तरह से निःशुल्क किया जाएगा। यह पहल गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि इससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा।